लोकसभा चुनाव 2019: रावेर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की रावेर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के रक्षा खडसे हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एनसीपी के कद्दावर नेता मनीष जैन को 31, 80, 60 वोटों से हराकर अपने नाम की थी। रक्षा खड़से को 60,54, 52 वोट मिले थे, तो वहीं मनीष जैन को 28,73,84 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। महाराष्ट्र का रावेर जिला पूरे देश में अपने स्वादिष्ट केले के लिए मशहूर है, देश में सबसे ज्यादा केले का उत्पादन रावेर में ही होता है, यहां से केले केवल देश में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों मे भी भेजे जाते हैं, रावेर की कुल आबादी 22 लाख 56 हजार 863 है, जिसमें से 73 प्रतिशत आबादी गांवों में और 26 प्रतिशत शहरों में निवास करती है।
रावेर संसदीय सीट के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें हैं, यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट से 2009 में बीजेपी के हरिभाऊ जवाले चुनाव जीतकर संसद पहुंचे तो वहीं साल 2014 से यहां पर रक्षा खडसे ने जीत दर्ज की। साल 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक इस सीट पर नंबर 2 पर NCP, नंबर 3 पर BSP थी, उस साल यहां कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख 93 हजार 370 थी, जिसमें से मात्र 10 लाख 9 हजार 213 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें से पुरुषों की संख्या 5 लाख 54 हजार 159 और महिलाओं की संख्या 4 लाख 55 हजार 54 थी।
रक्षा खडसे का लोकसभा में प्रदर्शन
रक्षा खडसे महाराष्ट्र के कद्दावर नेता एकनाथ खडसे की बहू हैं, दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक 31 वर्षीय रक्षा निखिल खडसे की पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में इनकी उपस्थिति 75 प्रतिशत रही है और इस दौरान इन्होंने 52 डिबेट में हिस्सा लिया है और 455 प्रश्न पूछे हैं।
रावेर के दोनों बार के चुनाव में भाजपा को ही जीत मिली है, ऐसे में उसकी पकड़ यहां मजबूत है लेकिन क्या इस बार भी यहां की जनता उस पर भरोसा करेगी, ये एक बड़ा सवाल है क्योंकि हाल ही में बीजेपी की देश के तीन बड़े राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार हुई है, जिसकी वजह से विरोधी दलों के चेहरों पर खुशी और बीजेपी के अंदर खलबली मची हुई है। इसलिए एनसीपी की पूरी कोशिश इस सीट पर जीत दर्ज करने की है तो वहीं भाजपा का पूरा प्रयास रावेर को अपने पास बचाकर रखने का होगा, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि रक्षा खडसे की जीत में मोदी लहर की भी अहम भूमिका थी और एनसीपी और विरोधी दलों की हार के पीछे कारण जनता का उनके प्रति गुस्सा था।
साल 2014 का चुनाव भाजपा ने विकास के मुद्दे पर लड़ा था और जनता से अच्छे दिन लाने का वादा किया था इसलिए इस बार बीजेपी की जीत इस बात पर भी निर्भर करेगी कि उसने रावेर में कितना विकास कार्य किया और उससे यहां की जनता कितनी खुश है, आपको यहां यह भी बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। उत्तर प्रदेश की 80 सीटों के बाद यह सीटों के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा राज्य है और इस बार राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस दोनों ने साथ मिलकर यहां लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है, फिलहाल इस बार यहां मुकाबला काफी कड़ा है, देखते हैं इस बार रावेर की जनता का प्यार और साथ किस पार्टी को मिलता है।