महाराष्ट्र चुनाव 2019: जानिए चिंचवाड़ विधानसभा सीट के बारे में
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का चुनाव आयोग ने ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही तमाम राजनीतिक दलों में सियासी दांवपेंच का खेल शुरू हो गया है। प्रदेश में मुख्य राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी हैं, जिन्होंने इस चुनावी समर में जीत का दावा करना शुरू कर दिया है। प्रदेश में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं, ऐसे में किसी भी पार्टी को सत्ता में आने के लिए 145 सीटों का आंकड़ा छूना होगा। प्रदेश में चुनाव 21 अक्टूबर को होगा, जबकि नतीजों की घोषणा 24 अक्टूबर को की जाएगी। माहिम विधानसभा सीट की बात करें तो यह पुणे जिले में है और मावल लोकसभा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है। जहां पर कुल पांच विधानसभा सीटें पिंपरी और चिंचवाड़, मावल, करजात, ऊरन, पनवेल हैं। बता दें कि पिंपरी और चिंचवाड़ पुणे निकाय के अंतर्गत आते हैं। मौजूदा समय में यह सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में है। भाजपा के लक्ष्मण पांडुरंग जगताप यहां से भाजपा विधायक हैं।
भाजपा
का
दबदबा
दिलचस्प
बात
यह
है
कि
इस
सीट
पर
लक्ष्मण
ने
2009
में
निर्दलीय
चुनाव
लड़ा
था
और
जीत
दर्ज
की
थी।
लेकिन
2014
में
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
उन्हें
टिकट
दिया
और
लगातार
दूसरी
बार
भी
लक्ष्मण
ने
इस
सीट
से
जीत
दर्ज
की।
उन्होंने
शिवसेना
के
कलाते
राहुल
तानाजी
को
भारी
मतों
से
हराकर
जीत
दर्ज
की
थी।
लक्ष्मण
पांडुरंग
को
पिछले
चुनाव
में
कुल
45.42
फीसदी
यानि
1,23,786
वोट
मिले
थे,
जबकि
शिवसेना
के
राहुल
तानाजी
को
कुल
23.29
फीसदी
यानि
63,489
वोट
मिले
थे।
यानि
लक्ष्मण
ने
यहां
से
कुल
60,297
मतों
के
अंतर
से
जीत
दर्ज
की
थी।
कांग्रेस
के
विट्ठल
उर्फ
नाना
काटे
तीसरे
पायदान
पर
रहे
थे।
आबादी,
साक्षरता
दर
पिंपरी-चिंचवाड़
की
कुल
आबादी
1,727,692
है,
जिसमे
पुरुषों
की
संख्या
942,533
और
महिलाओं
की
संख्या
785,159
है।
यहां
की
सक्षारता
की
बात
करें
तो
कुल
साक्षरता
89.22
फीसदी
है,
जिसमे
कुल
पुरुषों
की
साक्षरता
92.41
फीसदी
और
महिलाओं
की
साक्षरता
85.37
फीसदी
है।
कुलु
साक्षर
पुरुषों
की
संख्या
942,533
और
साक्षर
महिलाओं
की
संख्या
785,159
है।
लिंग
अनुपात
की
बात
करें
तो
यह
833
है।
यहां
पर
मुख्य
रूप
से
84.21
%
हिंदू
आबादी
है,
जबकि
6.91
%
मुस्लिम
आबादी
है।
2014
विधानसभा
चुनाव
पिछले
विधानसभा
चुनाव
की
बात
करें
तो
यहां
की
कुल
288
विधानसभा
सीटों
में
से
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
कुल
122
सीटों
पर
जीत
दर्ज
की
थी
और
सबसे
बड़े
दल
के
रुप
में
उभरी
थी।
यहां
वहीं
शिवसेना
ने
63
सीटों
पर
जीत
दर्ज
की
थी।
दिलचस्प
बात
यह
है
कि
25
साल
के
इतिहास
में
पहली
बार
शिवसेना
ने
अकेले
चुनाव
लड़ा
था।
वहीं
कांग्रेस
को
सिर्फ
42
सीटों
पर
जीत
मिली
थी।
शरद
पवार
के
नेतृत्व
वाली
एनसीपी
के
खाते
में
41
सीटें
आई
थीं।
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