लोकसभा चुनाव 2019: बेल्लारी लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली। कर्नाटक के बेल्लारी लोकसभा सीट अभी एसटी कैंडिडेट के लिए सुरक्षित है। इस सीट से कांग्रेस के वीएस उगरप्पा सांसद हैं। उगरप्पा ने 2018 में हुए उपचुनाव में भाजपा की जे. शांता को हराकर यहां से चुनाव जीता है। इससे पहले 2014 में यहां से भाजपा के बी. श्रीरामुलू ने चुनाव जीता था। श्रीरामुलू ने विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उनकी इस दौरान लोकसभा में उपस्थिति 52 फीसदी रही और उन्होंने 20 डिबेट में हिस्सा लिया। उन्होंने 572 सवाल लोकसभा में पूछे।
बेल्लारी की कुल आबादी 21,83491 है। यहां 61.46 फीसदी ग्रामीण और 38.54 फीसदी शहरी आबादी है। यहां एससी समुदाय के 21 फीसदी और एसटी समुदाय की 18 फीसदी आबादी है। यहां कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 14,87,945 है। 2014 में यहां 70 फीसदी और 2018 के उपचुनाव में 61 फीसदी मतदान हुआ। 2014 में भाजपा को 51 और कांग्रेस को 42 फीसदी वोट मिले तो 2018 में कांग्रेस को 59 और भाजपा को 37 फीसदी मत हासिल हुए।
बेल्लारी लोकसभा सीट लंबे समय तक कांग्रेस का मजबूत गढ़ बनी रही है। 1951 से लेकर 2000 तक कांग्रेस यहां लगातार चपुनाव जीतती रही। 1951, 57 और 62 में कांग्रेस के टेकुर सुब्रमण्यम ने यहां से चुनाव जीता। 1967 और 71 में कांग्रेस के वीकेआर वरदराजा राव सांसद बने। 1984 से 1991 तक लगातार तीन बार कांग्रेस के बसावाराजेश्वरी जीते। 1996 और 1998 में कांग्रेस के केसी कोंडियाह सांसद बने। 2004 में यहां पहली बार भाजपा का खाता खुला। 2004 में जी. करुणाकरा रेड्डी ने भाजपा के टिकट पर यहं से जीत दर्ज की। 2009 में जी. शांता और 2014 में श्रीरामुलू ने भाजपा टिकट पर यहां से जीत हासिल की।
1999 में ये सीट तब देशभर मे चर्चा मे रही थी, जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भाजपा की सीनियर नेता सुषमा स्वराज यहां से चुनाव लड़ीं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का ये पहला लोकसभा चुनाव था। गांधी ने इस चुनाव में सोनिया गांधी ने सुषमा स्वराज को 56,100 वोटों से हराया। सोनिया ने रायबरेली से भी चुनाव लड़ा था और दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी। बेल्लारी सीट से सोनिया ने इस्तीफा दे दिया और 2000 में यहां उपचुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के कोलुर बसवनागौड़ ने जीत दर्ज की।
बेल्लारी बीते कुछ समय से माइनिंग इंडस्ट्री के लिए काफी ज्यादा चर्चाओं में रहा है। अपनी खनिज संपदा के अलावा बेल्लारी प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है, जो अपने अतीत के लिए जाना जाता है। कर्नाटक का यह जिला है कभी विजयनगर साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। कर्नाटक से पहले बेल्लारी मद्रास प्रेसीडेंसी और आंध्र प्रदेश के अंतर्गत आता था। भारत की आजादी के बाद 1956 में यह कर्नाटक को सौंपा गया।