लोकसभा चुनाव 2019: अमरोहा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की अमरोहा लोकसभा सीट पर इस वक्त भाजपा का सांसद है। साल 2014 में यहां से बीजेपी से कुंवर सिंह तंवर ने सपा की हुमेरा अख्तर को 1,58,214 वोटों से हराया था। यहां बसपा तीसरे नंबर पर और रालोद चौथे नंबर पर रही थी। अमरोहा के वर्तमान सांसद कंवर सिंह तंवर की पिछले पांच सालों के कार्यकाल के दौरान लोकसभा में उनकी उपस्थिति 90 प्रतिशत रही है। इस दौरान इन्होंने 23 डिबेट में भाग लिया और 342 सवाल पूछे।
पश्चिमी यूपी के शहर अमरोहा में आम और कपास का बड़े स्तर पर उत्पादन होता है, इस निर्वाचन क्षेत्र के अंदर 5 विधान सभा क्षेत्र आते है, जिनके नाम धनौरा, नौगावां,अमरोहा, हसन पुर और गढ़मुक्तेश्वर हैं, जिसमें धनौरा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 1952 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मौलाना मोहम्मद हिफजुर रहमान विजयी हुए थे और वो यहां के पहले सांसद बने थे।
1991 में पहली बार ये सीट भारतीय जनता पार्टी के पास आई और अर्जुन पुरस्कार विजेता चेतन सिंह चौहान यहां से सांसद चुने गए। 1996 के लोकसभा चुनाव में चेतन सिंह को हार झेलनी पड़ी थी, उन्हें समाजवादी पार्टी के प्रताप सिंह ने हराया था लेकिन इसके बाद के चुनाव में एक बार फिर से चेतन चौहान के ही हाथ बाजी लगी। 1999 में बहुजन समाज पार्टी के राशिद अल्वी यहां से सांसद चुने गए थे। 2004 में निर्दलीय नेता हरीश नागपाल ने यहां से चुनाव जीता। 2009 में अमरोहा लोक सभा से चुनाव राष्ट्रीय लोक दल के देवेन्द्र नागपाल सांसद बने लेकिन साल 2014 में ये सीट बीजेपी के पास चली गई।
आम के लिए मशहूर अमरोहा की 25 प्रतिशत आबादी हिंदू और 73 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है, साल 2014 के चुनाव में 1544245 वोटरों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 53 प्रतिशत पुरुष और 46 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। सांसद कुंवर सिंह और सपा के हुमेरा अख्तर के बीच जीत का अंतर 14 प्रतिशत था।