लोकसभा चुनाव 2019: मुंबई नॉर्थ लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की मुबंई नार्थ लोकसभा सीट से भाजपा के गोपाल शेट्टी मौजूदा सांसद हैं। साल 2014 के चुनाव में उन्होंने इस सीट पर कांग्रेस के कद्वावर नेता संजय निरूपम को 446, 582 वोटों से हराया था। गोपाल शेट्टी को 664, 004 वोट मिले थे, जबकि संजय निरूपम को मात्र 217, 422 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर कांग्रेस, नंबर 3 पर AAP थी। उस साल यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 17,83,870 थी, जिसमें से मात्र 9,46,562 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,27,803 और महिलाओं की संख्या 4,18,759 थी।
मुबंई नार्थ लोकसभा सीट का इतिहास
मराठों की नगरी मुंबई के इस संसदीय क्षेत्र में पहला आम चुनाव 1977 में हुआ था, जिसे कि भारतीय लोक दल ने जीता था, साल 1980 में ये सीट जनता पार्टी ने जीती थी लेकिन 1984 का चुनाव यहां कांग्रेस ने जीता और अनूपचंद शाह यहां से एमपी चुने गए लेकिन 1989 में यहां पर कमल खिला और राम नाईक यहां से सांसद चुने गए, वो लगातार पांच बार इस सीट पर सांसद रहे यानी कि यहां 1989, 1991, 1996, 1998 और 1999 में भाजपा का ही यहां राज रहा लेकिन साल 2004 का चुनाव यहां पर लंबे वक्त बाद कांग्रेस ने जीता और गोविंद आहूजा यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे, इसके बाद साल 2009 में भी यहां कांग्रेस का जलवा बरकरार रहा और संजय निरूपम यहां से एमपी चुने गए लेकिन साल 2014 के चुनाव में उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी और भाजपा के गोपाल शेट्टी यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
मुबंई नार्थ लोकसभा सीट,परिचय-प्रमुख बातें-
देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई का नाम 'मुंबा देवी' के नाम पर पड़ा है, कांदिवली के निकट मुंबई में मिले प्राचीन अवशेष संकेत करते हैं, कि यह द्वीप समूह पाषाण युग से बसा हुआ है। मुंबई नार्थ में 6 विधानसभा सीटें आती हैं और इसकी आबादी 23,35,171 है, जिसमें से 4 प्रतिशत लोग SC और 1 प्रतिशत ST हैं। सपनों की नगरी या मायानगरी के नाम से संबोधित किए जाने वाले इस शहर को भारत में अंग्रेजी हुकूमत के आगमन के साथ ही मुख्य बंदरगाह शहर के रूप में विकसित किया गया था। ब्रिटिश काल के दौरान भारतीय उत्पादित माल इन रास्तों से विश्व के कोने-कोने तक पहुंचता था। यही वजह है कि आज भी मुंबई को भारत के सबसे बड़े औद्योगिक शहरों में गिना जाता है।ऐतिहासिक तौर से यह शहर काफी ज्यादा मायने रखता है। हर साल यहां लाखों की तादात में पर्यटक देश-दुनिया से आते हैं।
गोपाल शेट्टी का लोकसभा में प्रदर्शन
साल 1992 में गोपाल शेट्टी पहली बार नगर निगम के पार्षद चुने गए थे इसके कुछ ही साल बाद वे मुंबई महानगर पालिका के डिप्टी मेयर भी बने और इसके बाद वह कई साल तक मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष और मंडल सेक्रेट्री भी रहे हैं, दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में गोपाल शेट्टी की उपस्थिति 100 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 107 डिबेट में हिस्सा लिया और 432 प्रश्न पूछे हैं।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मुंबई नार्थ में संजय निरूपम जैसे नेता का हारना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका था तो वहीं गोपाल शेट्टी की जीत में मोदी लहर का भी बहुत बड़ा हाथ था। हालांकि हाल ही में तीन बड़े राज्यों में कांग्रेस की वापसी हुई है, जिससे चलते कांग्रेस इस वक्त आत्मविश्वास से भरी हुई है और दावा कर रही है जो हाल बीजेपी का मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुआ है, वो ही हाल उसका महाराष्ट्र में होगा, फिलहाल उसे दावों में कितनी सच्चाई है, यह तो चुनावी नतीजे बताएंगे।
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