लोकसभा चुनाव 2019: जोधपुर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के गजेंद्रसिंह शेखावत हैं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर जोधपुर राजघराने की बेटी और कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रेश कुमारी कटोच को 41,00,51 मतों से हराकर यह सीट अपने नाम की थी। आपको बता दें कि जोधपुर को वीआईपी सीट इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह राजस्थान के मौजूदा सीएम अशोक गहलोत का गृहजनपद है। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर कांग्रेस और नंबर 3 पर बसपा थी। उस साल यहां कुल वोटरों की संख्या 17,27,363 थी, जिसमें से मात्र 10,78,598 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 6,00,132 और महिलाओं की संख्या 4,78,466 थी।
जोधपुर लोकसभा सीट का इतिहास
आठ विधानसभा सीटों को अपने आंचल में समेटे जोधपुर संसदीय क्षेत्र में पहला आम चुनाव 1952 में हुआ था, जिसे कि जसवंत राज मेहता ने निर्दलीय रूप से जीता था लेकिन इसके बाद वो यहां कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते, 1962 का चुनाव फिर से निर्दलीय उम्मीदवार एल.एम सिंघवी ने जीता था। वहीं 1967 के चुनाव में यह सीट फिर से कांग्रेस के खाते में चली गई जबकि 1971 का चुनाव कृष्णा कुमारी ने यहां निर्दलीय जीता था। 1977 में यहां जनता पार्टी जीती जबकि 1980 में पहली बार कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे, वो लगातार दो बार इस सीट पर सांसद रहे लेकिन साल 1989 में इस सीट पर भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने जीत दर्ज की लेकिन 1991 का चुनाव फिर से यहां कांग्रेस ने जीता और लगातार तीन बार फिर से अशोक गहलोत यहां से सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे। लेकिन साल 1999 के चुनाव में यहां भाजपा की वापसी हुई और जसवंत सिंह विश्नोई यहां से एमपी बने, वो भी लगातार दो बार यहां से सांसद चुने गए लेकिन साल 2009 का चुनाव यहां पर कांग्रेस ने जीता और चन्द्रेश कुमारी कटोच ने यहां से जीत दर्ज की लेकिन साल 2014 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और ये सीट भाजपा के खाते में चली गई और गजेंद्रसिंह शेखावत यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
गजेंद्र सिंह शेखावत का लोकसभा में प्रदर्शन
गजेंद्र सिंह शेखावत इस वक्त मोदी सरकार में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। राजपूत परिवार में जन्में गजेंद्र सिंह सीकर जिले के महरौली गांव से संबंध रखते हैं, शेखावत भाजपा विंग के किसान मोर्चा के महासचिव भी हैं। दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों में शेखावत की लोकसभा में उपस्थिति 91 प्रतिशत रही है और इस दौरान इन्होंने 320 डिबेट में हिस्सा लिया है और 312 प्रश्न पूछे हैं।
जोधपुर परिचय-प्रमुख बातें-
राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर की स्थापना राव जोधा ने 12मई, 1459 ई . में की थी, 'सूर्य नगरी' के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर शहर की पहचान यहां के महलों और पुराने घरों में लगे छितर के पत्थरों से होती है, ऐतिहासिक इमारतों को समेटे जोधपुर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हमेशा सा रहा है, यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे "नीली नगरी" के नाम से भी जाना जाता है, इसकी आबादी 29,60,625 है, जिसमें से मात्र 57 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है जबकि 42 प्रतिशत लोग यहां के शहरों में निवास करते हैं।
गौरतलब है कि जोधपुर राजपूतों की धरती है और गहलोत का होम टाउन, जो कि माली जाति से आते हैं, जोधपुर में हिंदुत्व भले एजेंडा रहा हो लेकिन गहलोत को अपनी जाति के साथ ही ब्राहमण, क्षत्रिय, माथुर, माहेश्वरी, सिंधी, रावणा राजपूत, सोनार, कुम्हार, घांची, जाट, विश्नोई आदि पिछड़ी जातियों का समर्थन मिला हुआ है, जो कि विधानसभा चुनाव के दौरान नजर आया, दलितों में मेघवाल और जनजाति में मीणा और भीलों को भी गहलोत के रणनीतिकार साधने में जुटे हैं, जिसकी वजह से कांग्रेस अपनी हार को यहां जीत में बदल सकती है, तो वहीं इस सीट पर बीजेपी की वापसी इस बात पर भी निर्भर करेगी कि मोदी लहर में जीते शेखावत ने जोधपुर को पिछले 5 सालों में विकास के नाम पर क्या दिया है, देखते हैं राज्य की सत्ता से बाहर हो चुकी बीजेपी कैसे इस सीट को अपने पास बचाकर रखती है।