लोकसभा चुनाव 2019 : ढेंकानाल लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: ओडिशा की ढेंकानाल लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बीजेडी के तथागत सत्पथी हैं। ढेंकानाल लोकसभा क्षेत्र पर पिछले तीन चुनावों से बीजेडी जीतती आ रही है। तथागत सत्पथी चौथी बार यहां से सांसद चुने गये हैं। 2014 में लोकसभा चुनाव को याद करें, तो ढेंकानाल में 13 लाख 63 हज़ार 467 मतदाता हैं। पुरुषों की आबादी 7 लाख 22 हज़ार से ज्यादा है जबकि महिलाओं की आबादी 6 लाख 41 हज़ार है। ढेंकानाल में 76 फीसदी मतदान हुआ था। 10 लाख 42 हज़ार से ज्यादा वोट डाले गये थे जिनमें 5 लाख 51 हज़ार से ज्यादा पुरुष शामिल थे। वोट डालने वाली महिलाओं की संख्या 4 लाख 90 हज़ार से ज्यादा थी।1999 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केपी सिंह देव ने इस सीट से चुनाव जीता था 1998 में तथागत सत्पथी पहली बार इस सीट से निर्वाचित हुए थे।
थागत सत्पथी ओडिशा की पहली महिला मुख्यमंत्री नंदिनी सत्पथी के बेटे हैं। यही वजह है कि उन्हें वरिष्ठ कांग्रेस नेता केपी सिंह देव के विरुद्ध चुनाव में खड़ा किया गया था औ 1998 में तथागत सत्पथी ने इस फैसले को सही साबित कर दिखलाया था। तब केपी सिंह देव को हार का मुंह देखना पड़ा था। दरअसल केपी सिंह देव इस सीट से कुल मिलाकर 6 बार निर्वाचित हुए। कांग्रेस का गढ़ कही जाती रही थी यह सीट। मगर, बीजू जनता दल ने इस गढ़ में सेंधमारी कर डाली। 1989 में भी जनता दल ने कांग्रेस को ढेंकानाल सीट पर पराजित किया था। ढेंकानाल लोकसभा सीट के अंतर्गत 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें ढेंकानाल, परजंगा, कामाख्यानगर, हिन्डोल, अंगुल, तालचेर और पाल्लाहारा शामिल हैं। इनमें हिन्डोल की सीट आदिवासियों के लिए सुरक्षित है। इन सभी सीटों पर बीजेडी का कब्जा है।
तथागत सत्पथी ने 79 बार लोकसभा की डिबेट में हिस्सा लिया है। एक निजी बिल भी उन्होंने संसद में पेश किए हैं। महज 38 सवाल उन्होंने संसद में पूछे हैं जबकि इस मामले में राज्य का औसत 204 और राष्ट्रीय सत 273 है। संसद में उपस्थिति के मामले में तथागत सत्पथी अच्छा रिकॉर्ड रखते हैं। 92 फीसदी उपस्थिति उनके नाम है। राज्य का औसत संसद में उपस्थिति के मामले में 82 है। ढेंकानाल के सांसद निधि में 2 करोड़ 59 लाख की राशि दिसम्बर 2018 तक शेष थी। मगर, महत्वपूर्ण बात ये है कि विगत दिसम्बर तक आधी राशि यानी 25 करोड़ की राशि ही भारत सरकार की ओर से जारी की गयी थी। ब्याज के साथ यह रकम 17 करोड़ 94 लाख हो गयी। सांसद ने 21 करोड़ की रकम खर्च करने की अनुशंसा की। जिलाधिकारी ने 17 करोड़ 23 लाख की रकम को खर्च के लिए मंजूरी दी। विगत दिसम्बर महीन तक 12 लाख 26 हज़ार का खर्च किया जा चुका था।
ढेंकानाल लोकसभा सीट की कुल आपादी 19 लाख 32 हज़ार 982 है। ग्रामीण आबादी का प्रतिशत 84.22 है जबकि शहरी आबादी का प्रतिशत तब 15.78 है। यहां रहने वाले अनुसूचित जनजाति के लोगों का हिस्सा 19.27 प्रतिशत है जबकि आदिवासियों का हिस्सा 13.6 प्रतिशत है। बीजेडी के विजेता उम्मीदवार को 4 लाख 53 हज़ार वोट मिले थे। वहीं बीजेपी के पराजित उम्मीदवार को 3 लाख 15 हज़ार से ज्यादा वोट मिले थे। इस तरह 1 लाख 37 हज़ार 340 वोटों के अंतर से बीजेडी उम्मीदवार की जीत हुई थी। यह अंतर हालांकि बड़ा अंतर है, लेकिन 2019 में मुकाबला दिलचस्प रहने की सम्भावना है। बीजेपी ने इलाके में अपना जनाधार बढ़ाया है, वहीं कांग्रेस भी अपने पुराने गढ़ को बचाने की चिंता में जुटी रही है। ऐसे में मौजूदा सांसद को तगड़ी चुनौती मिलेगी इस बात के पूरे आसार हैं।
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