लोकसभा चुनाव 2019 : मयूरभंज लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: ओडिशा की मयूरभंज लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बीजेडी के रामचंद्र हांसदा हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मयूरभंज में बीजेडी उम्मीदवार रामचंद्र हांसदा को 3 लाख 93 हज़ार 779 वोट मिले थे। उनके प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के नेपोल रघु मूर्मू को 2 लाख 70 हज़ार 913 वोट मिले थे। 1 लाख 22 हज़ार 866 वोटों के अंतर से बीजेडी ने बीजेपी को पराजित किया था। इस सीट पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने भी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया था। वास्तव में मयूरभंज की सीट को चतुष्कोणीय मुकाबले का उदाहरण कहा जा सकता है। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा उम्मीदवार को यहां 1 लाख 72 हज़ार से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस ने 1 लाख 42 हज़ार से ज्यादा वोट हासिल किया था।
मयूरभंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 6 विधानसभा की सीटें हैं। इनमें से 5 सीटें आदिवासियों के लिए सुरक्षित हैं। ये सीटें हैं जशीपुर, सारासकाना, रायरंगपुर, बांगरीपोसी, उडाला और बारीपदा। केवल मोरादा सीट सामान्य है। इन सभी विधानसभा सीटों पर बीजेडी का कब्जा है। मयूरभंज की आबादी 20 लाख 9 हज़ार से ज्यादा है। यहां 90.45 फीसदी लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं। शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की संख्या 9.55 है। आदिवासियों की तादाद इस लोकसभा क्षेत्र में 59.02 फीसदी है। अनुसूचित जाति वर्ग के 6.88 फीसदी लोग यहां रहते हैं।
रामचंद्र हांसदा का लोकसभा में प्रदर्शन
रामचंद्र
हांसदा
ने
सांसद
के
तौर
पर
8
बार
डिबेट
में
हिस्सा
लिया
है।
स्टेट
डिबेट
एवरेज
62
है
तो
नेशनल
एवरेज
63.8।
संसद
में
सवाल
पूछने
के
मामले
में
भी
सांसद
रामचंद्र
हांसदा
पिछड़
गये
दिखते
हैं।
उन्होंने
केवल
17
सवाल
पूछे
हैं।
संसद
में
उपस्थिति
भी
नाममात्र
की
रही
है।
महज
18
फीसदी
उपस्थिति
का
रिकॉर्ड
रामचंद्र
हांसदा
के
नाम
है।
ये
आंकड़े
दिसम्बर
2018
तक
के
हैं।
एक
सांसद
के
रूप
में
रामचंद्र
हांसदा
ने
अपने
निर्वाचन
क्षेत्र
में
सांसद
निधि
का
क्या
इस्तेमाल
किया
है
अगर
उस
पर
नज़र
डालें
तो
मयूरभंज
में
सांसद
निधि
में
2
करोड़
94
लाख
रुपये
शेष
हैं।
यह
स्थिति
दिसम्बर
2018
के
अनुसार
है।
25
करोड़
की
राशि
एक
सांसद
को
इस
निधि
में
खर्च
के
लिए
मिल
सकती
है।
17
करोड़
50
लाख
की
राशि
भारत
सरकार
जारी
कर
चुकी
है।
ब्याज
समेत
यह
राशि
17
करोड़
96
लाख
हो
चुकी
है।
सांसद
के
तौर
पर
रामचंद्र
हांसदा
ने
19
करोड़
57
लाख
की
रकम
के
काम
की
संस्तुति
की।
जिलाधिकारी
16
करोड़
39
लाख
की
मंजूरी
दे
चुके
हैं।
इसमें
से
15
लाख
3
हज़ार
की
राशि
खर्च
की
जा
चुकी
है।
अगर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव की चर्चा करें तो यहां 13 लाख 27 हज़ार 555 मतदाता थे। इनमें पुरुष मतदाताओँ की संख्या 6 लाख 70 हज़ार 100 थी। यहां कुल 79 फीसदी मतदान हुआ था यानी 10 लाख 53 हज़ार 399 मतदाताओं ने वोट डाले थे। इनमें महिला वोटरों की तादाद ज्यादा रही। 5 लाख 30 हज़ार से ज्यादा मतदाताओँ ने वोट डाले थे। इनके मुकाबले मतदान करने वाले पुरुषों की संख्या महज 5 लाख 23 हज़ार 329 रही। साल 2019 की बात करें तो इस चुनाव में कांग्रेस और जेएमएम के बीच चुनावी गठबंधन ने मयूरभंज की सीट को रोमांचक बना दिया है। हालांकि कांग्रेस और जेएमएम को मिले वोटों को जोड़ दें तो भी वह बीजेडी उम्मीदवार को मिले वोटों से कम है, लेकिन यह दूसरे नम्बर पर रहे बीजेपी उम्मीदवार से अधिक हो जाता है। जाहिर है कि इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होगा और बीजेडी उम्मीदवार के लिए अपनी सीट बचाना उतना आसान नहीं रह जाएगा
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