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लोकसभा चुनाव 2019: चेन्नई मध्य लोकसभा सीट के बारे में जानिए

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नई दिल्ली: तमिननाडु की चेन्नई मध्य या चेन्नई सेंट्रल लोकसभा सीट से AIADMKके एस.आर विजयाकुमार मौजूदा सांसद हैं, जिन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर डीएमके के कद्दावर नेता दयानिधि मारन को 45,841 वोटों से हराया था। विजयाकुमार को यहां पर 3,33,296 वोट मिले थे तो वहीं दयानिधि मारन को मात्र 2,87,455 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। एस. आर. विजय 2014 में पहली बार इस सीट से सांसद निर्वाचित हुए हैं, उस साल नंबर 3 पर यहां DMDK के प्रत्याशी थे जिन्हें कि 1,14,798 वोट मिले थे तो वहीं नंबर 4 की पोजिशन पर कांग्रेस के उम्मीदवार थे, जिन्हें कि केवल 25,981 वोट मिले थे।

profile of Chennai Central lok sabha constituency

चेन्नई सेंट्रल लोकसभा सीट का इतिहास
चेन्नई सेंट्रल तमिलनाडु की तीन लोकसभा सीटों में एक है। इस सीट के लिए पहला चुनाव 1977 में हुआ था, जिसे कि एनसीओ ने जीता था, इसके बाद साल 1980 में यहां DMK की जीत हुई और 1984 में भी इसकी सीट की सत्ता डीएमके के ही पास रही, साल 1989 का चुनाव यहां पर कांग्रेस ने जीता और 1991 में भी यहां पर ही कांग्रेस की ही जीत हुई, साल 1996 के चुनाव में यहां पर डीएमके की जोरदार वापसी हुई और साल 2009 तक उसका राज यहां पर रहा, साल 2004 और साल 2009 के चुनाव में यहां से दयानिधि मारन सांसद चुने गए लेकिन साल 2014 के चुनाव में उनकी जीत की हैट्रिक पूरी नहीं हो पाई और उन्हें AIADMK के एस.आर विजयाकुमार से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी।

चेन्नई मध्य, परिचय-प्रमुख बातें
चेन्नई मध्य या चेन्नई सेंट्रल को पहले मद्रास सेंट्रल के नाम से जाना था, दक्षिण भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षिक केंद्रों में से एक चेन्नई प्राचिनकाल में भारत के बहुत से महत्त्वपूर्ण राजवंशों यथा, पल्लव, चोल, पांड्य, एवं विजयनगर इत्यादि का केन्द्र बिन्दु रहा है। मयलापुर शहर, जो अब चेन्नई शहर का हिस्सा है, पल्लवों के जमाने में एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह हुआ करता था। अठारहवीं सदी के अंत होते-होते ब्रिटिशों ने लगभग पूरे आधुनिक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक के हिस्सों को अपने अधीन कर लिया एवं मद्रास प्रेसिडेंसी की स्थापना की थी, जिसकी राजधानी मद्रास घोषित की गई थी। ब्रिटिशों की हुकुमत के अधीन चेन्नई शहर एक महत्त्वपूर्ण आधुनिक शहरी क्षेत्र एवं जलसेना केन्द्र बनकर उभरा था। चेन्नई को "भारत का डेट्रोइट" नाम दिया गया है, चेन्नई सेंट्रल की जनसंख्या 16,31,196 है, जिसमें से मात्र 17 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और 96 प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं, यहां 12 प्रतिशत लोग एससी वर्ग के हैं।

एस.आर विजयाकुमार का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक एस.आर विजयाकुमार की पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उपस्थिति 79 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 62 डिबेट में हिस्सा लिया है और 825 प्रश्न पूछे हैं। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 13,28,027 थी, जिसमें से मात्र 8,14,894 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें से पुरुषों की संख्या 4,22,278 और महिलाओं की संख्या 3,92,616 थी।

चेन्नई सेंट्रल लोकसभा सीट डीएमके का गढ़ मानी जाती रही है और साल 2014 के चुनाव में दयानिधि मारन का हारना यहां पर उसके लिए बड़ा झटका थी लेकिन तब से लेकर आज के सियासी हालात में परिवर्तन है, साल 2014 के चुनाव में जयललिता के नेतृत्व में AIADMK ने जोरदार प्रदर्शन किया था लेकिन उनके निधन के बाद AIADMK में काफी बिखराव हो गया, फूट की शिकार हुई AIADMK को काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा है, ऐसे में इस सीट को अपने पास बचाकर रखने में उसे काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है तो वहीं डीएमके की भी पूरी कोशिश इस सीट को वापस अपनी झोली में डालने की होगी, देखते हैं जीत और हार के इस खेल में बाजी किसके हाथ लगती है और कौन बनता है यहां का सिंकदर।

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English summary
profile of Chennai Central lok sabha constituency
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