लोकसभा चुनाव 2019: जानें कर्नाटक की चामराजनगर सीट के बारे में, जहां कांग्रेस के हाथ लगी बाजी
मैसूर। कर्नाटक के तहत आने वाले शहर चामराजनगर को साल 1998 में मैसूर से अलग करके एक जिले का दर्जा दिया गया था। यह कर्नाटक राज्य का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला जिला है। इस जिले को पहले श्री आरिकोट्टारा के नाम से जाना जाता था। मैसूर के राजा चामराज वाड्यार का जन्म यहीं पर हुआ था और इसलिए बाद में इस जगह का नाम उनके नाम पर रख दिया गया। इसी जगह पर जैन धर्म में आस्था रखने वाले लोगों का पावन स्थल विजय पार्श्वनाथ बासादी है जिसे पुनिसदानंदयाक ने सन् 1117 में स्थापित किया था। पुनिसदानंदयाक होयसाला के राजा गंगाराजा के कमांडर थे।
कर्नाटक के एकदम दक्षिण में
चामराजनगर, कर्नाटक के एकदम दक्षिणी हिस्से में स्थित है। यह शहर तमिलनाडु और केरल का बॉर्डर है। इसके आसपास मैसूर के अलावा मांड्या और रामनगर जिले हैं। वहीं तमिलनाडु का धर्मपुरी जिला भी यहीं आता है तो केरल का पर्यटन स्थल वायांड भी इसके करीब ही है। चामराजनगर की आबादी 20,41,153 है। आबादी के मामले में यही साइप्रस और अमेरिकी राज्य मोंटाना की बराबरी करता है। आबादी के लिहाज से यह भारत में 441वां स्थान रखता है। इस शहर में 1000 पुरुषों पर 989 महिलाएं हैं और यहां पर साक्षरता दर करीब 61.2 प्रतिशत है। यह कर्नाटक का एक ऐसा जिला है जहां पर आज भी 82,000 की आबादी में आदिवासी रहते हैं। जो आदिवासी यहां पर रहते हैं उनमें सोलिगास, येरावास, जेनू, कुरुबास और बेट्टा कुरुबास हैं। इस आबादी की अपनी एक अलग बोली और अलग भाषा है।
शहर के घने जंगल बने थे वीरप्पन के मददगार
अगर आपको चंदन तस्कर वीरप्पन याद है तो आपको बता दें कि उसी वीरप्पन को चामराजनगर के घने जंगलों ने छिपने में काफी मदद की थी। वीरप्पन के एनकाउंटर में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। 18 अक्टूबर 2004 को एसटीएफ ने चामराजनगर से सटे धर्मपुरी में उसका एनकाउंटर किया था। वह दो दशकों तक छिपा रहा था और बताते हैं कि इस शहर के घने जंगलों की वजह से किसी को भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी थी। इसके अलावा इन जंगलों में काले पत्थर की गैर-कानूनी खनन यहां के जंगलों के लिए खतरा बनता जा रहा है।
कांग्रेस को मिली सफलता
इस सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है और आर ध्रुवनारायण यहां से सांसद हैं। याल 2014 के चुनावों में सांसद ध्रुवनारायण को 5,67,782 वोट्स मिले थे। उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार एआर कृष्णामूर्ति को हराया था जिन्हें 4,26,600 वोट्स मिले थे। कांग्रेस यहां पर अब तक की सबसे सफल पार्टी साबित हुई है। कांग्रेस ने 11 बार लोकसभा चुनावों में यहां की सीट पर जीत हासिल की है। चामराजनगर की लोकसभा सीट साल 1962 में अस्तित्व में आई थी। यहां पर कुल मतदाता 15,55,779 है जिसमें से पुरुष मतदाता 7,89,383 और महिला मतदाता 7,66,396 हैं। यहां पर 85.17 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों में तो 14.83 प्रतिशत आबादी शहरी इलाकों में रहती है। वहीं 25.19 प्रतिशत आबादी एससी तो 13.95 प्रतिशत आबादी एसटी की कैटेगरी में आती है। साल 2014 में हुए चुनावों में 11,33, 029 मतदाताओं ने वोट डाले थे और वोटर टर्नआउट करीब 73 प्रतिशत दर्ज हुआ था। इन मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 5,85,209 थी तो महिला मतदाताओं की संख्या 5,47,820 थी।