लोकसभा चुनाव 2019: भद्रक लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: ओडिशा की भद्रक लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद बीजू जनता दल के अर्जुन चरण सेठी हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजू जनता दल के अर्जुन चरण सेठी ने भद्रक में कांग्रेस को 1 लाख 79 हज़ार से अधिक वोटों से हराया था। कांग्रेस को 3 लाख 22 हज़ार से ज्यादा वोट हासिल हुए। बीजेपी यहां तीसरे स्थान पर रही थी। बीजेपी 2 लाख 16 हजार के करीब वोट हासिल कर सकी थी। सीपीआई की परम्परागत उपस्थिति भी देखी जा सकती है। सीपीआई उम्मीदवार को 11 हज़ार 930 वोट मिले थे। साल 1998 से लेकर लगातार 5 लोकसभा चुनावों में यहां से बीजू जनता दल जीतता चला आया है। वैसे, अगर 1996 में कांग्रेस की जीत को छोड़ दें तो यह सिलसिला 1989 के बाद से जारी है। हालांकि उससे पहले 1977 में जनता पार्टी ने और 1967 में स्वतंत्र पार्टी ने भद्रक से जीत हासिल की थी। बाकी सभी 7 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की है।
2014 के लोकसभा चुनाव के समय की स्थिति के अनुसार भद्रक लोकसभा क्षेत्र में 14 लाख 69 हज़ार से ज्यादा मतदाता हैं। इनमें महिलाओं की संख्या 6 लाख 94 हज़ार से ज्यादा है। मतदान करने वाले मतदाताओं में महिलाओं की तादाद ज्यादा है। कुल 5 लाख 43 हज़ार से ज्यादा महिलाओं ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान यहां वोट डाले थे, जबकि वोट देने वाले पुरुषों की तादाद 5 लाख 37 हज़ार से ज्यादा थी। भद्रक में 74 फीसदी मतदातान हुआ था। इसका मतलब ये है कि 10 लाख 81 हज़ार से ज्यादा मतदाताओं ने वोट डाले थे। भद्रक लोकसभा क्षेत्र की आबादी 20 लाख 79 हज़ार से ज्यादा है। यहां ग्रामीण मतदाताओं की तादाद 89.5 फीसदी है जबकि शहरी मतदाताओं की संख्या 10.5 फीसदी है। दलितों की आबादी 22.5 फीसदी है जबकि 2.85 फीसदी आदिवासी इस संसदीय क्षेत्र में रहते हैं। भद्रक लोकसभा सीट में 7 विधानसभा क्षेत्र हैं। अनुसूचित जाति केलिए सुरक्षित दो सीटें हैं सोरो और धामनगर। अन्य सीटों में सिमुलिया, भंडारीपोखरी, भद्रक, बासुदेवपुर शामिल हैं। इन सभी विधानसभा सीटों पर बीजेडी का कब्जा है।
अर्जुन चरण सेठी का लोकसभा में प्रदर्शन
वर्तमान सांसद बुजुर्ग बीजेडी नेता अर्जुन चरण सेठी ने संसद में बहुत सक्रियता नहीं दिखलायी। महज एक बार संसद की डिबेट में उन्होंने हिस्सा लिया। उन्होंने 32 सवाल पूछे। संसद में उनकी मौजूदगी 82 फीसदी रही। सांसद निधि में 1.73 करोड़ रुपये शेष रह गये हैं। दिसम्बर 2015 की स्थिति के नुसार 21 करोड़ से ज्यादा की रकम खर्च की जा चुकी थी। इस हिसाब से देखा जाए तो सांसद ने अपनी निधि का इस्तेमाल ठीक-ठाक किया है।
भद्रक में त्रिकोणीय संघर्ष में बीजू जनता दल का पलड़ा भारी दिखता है। दूसरे नम्बर की लड़ाई में कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे से होड़ करती दिखती है। विगत विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से इन दोनों ही पार्टियों का खाता भी इस लोकसभा सीट पर नहीं खुल पाया था, उसे देखते हुए इस बार भी लड़ाई में इन्हें बहुत पसीने बहाने पड़ सकते हैं। हालांकि बीजेपी ने भद्रक ही नहीं पूरे ओडिशा में अपना जनाधार बढ़ाया है, वहीं कांग्रेस ने भी मेहनत की है। इसलिए कड़े मुकाबले की उम्मीद की जा रही है।
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