लोकसभा चुनाव 2019: अमरेली लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: गुजरात की अमरेली लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के नरानभाई कचादिया हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरानभाई ने कांग्रेस के उम्मीदवार विरजी भाई ठुमर को 156, 232 वोटों के अंतर से पराजित किया था। जहां नरानभाई कचादिया को इस चुनाव में 436,715 वोट मिले थे तो वहीं विरजी भाई ठुमर को 280,483 वोटों पर संतोष करना पड़ा था, उस साल के चुनाव में इस सीट पर आप प्रत्याशी को 155,20 वोटों के साथ नंबर तीन की पोजिशन हासिल हुई थी। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 14,86,286 थी, जिसमें से मात्र 8,08,816 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरूषों की संख्या 4,57,547 और महिलाओं की संख्या 3,51,269 थी।
अमरेली लोकसभा सीट का इतिहास
अमरेली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं। साल 1957 से लेकर 1984 तक के 7 आम चुनावों में इस सीट से लगातार कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीते। 1989 में जनता दल की जीत के साथ कांग्रेस की यहां पहली हार हुई। इसके बाद 1991, 1996, 1998, 1999 में बीजेपी ने यहां जीत को बरकरार रखा। 2004 में यहां एक लंबे अंतराल के बाद कांग्रेस की वापसी हुई लेकिन 2009 में यह सीट फिर से बीजेपी के पास चली गई और पार्टी के नरानभाई कचादिया यहां से सांसद बने और साल 2014 में भी यह सीट उन्हीं के नाम पर रही।
अमरेली, परिचय-प्रमुख बातें-
अमरेली सौराष्ट्र के प्रमुख शहरों में से एक है। गुजरात के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. जीवराज महेता का जन्म इसी शहर में हुआ था। मुंगफली, कपास और गेहूं की खेती के लिए ये जिला पूरे गुजरात में मशहूर है, यहां पीपावाव बंदरगाह है, खंभात की खाड़ी के पास स्थित यह स्थल प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी ज्यादा मायने रखता है।इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि यह एक प्राचीन स्थल है, जिसका संबंध 534 ईस्वी से है, माना जाता है कि यह उस दौरान अनुमानजी के नाम से प्रसिद्ध था, जिसके बाद इसका नाम अमलिक हुआ और फिर अमरावती।अमरेली का प्राचीन संस्कृत नाम अमरावल्ली है। स्वतंत्रता के बाद अमरेली जिला बॉबे स्टेट का अंग बना और बॉबे स्टेट के विभाजन के बाद यह गुजरात का स्वतंत्र जिला बना। अमरेली अपने विश्व प्रसिद्ध गीर वन्यजीव अभयारण्य और पोर्ट पीपावाव के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां की कुल आबादी 20,80,631 है, जिसमें 74 प्रतिशत लोग यहां गांवों में और 25 प्रतिशत लोग शहरों में निवास करते हैं, यहां 7.63 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति और 0.41 प्रतिशत लोग अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं।
नरानभाई कचादिया का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक नरानभाई कचादिया की पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उपस्थिति 92 प्रतिशत रही और इस दौरान इन्होंने 125 डिबेट में हिस्सा लिया और 695 प्रश्न पूछे हैं।
कभी कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली अमरेली लोकसभा सीट पर आज कांग्रेस जीत के लिए तरस रही है लेकिन गुजरात विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के बेहतर प्रदर्शन की वजह से उसके अंदर आत्मविश्वास बढ़ा है और इसी वजह से उसकी पुरजोर कोशिश यही होगी कि इस बार के चुनाव में वो इस सीट पर कब्जा करे तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के ऊपर दवाब अपनी सीट को अपने पास बचाकर रखने का होगा लेकिन शह और मात के इस जंग में जीतेगा वो ही जिसे यहां की जनता चुनेगी और उसका फैसला क्या है इसके लिए हमें चुनावी नतीजों का इंतजार करना होगा।