लोकसभा चुनाव 2019: अमरावती लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद शिवसेना के आनंदराव अडसुल सांसद हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एनसीपी की उम्मीदवार और तेलगु अभिनेत्री नवनीत कौर को 13, 79, 32 मतों से पराजित किया था। उस साल आनंदराव अडसुल को यहां पर 46, 72, 12 वोट मिले थे और नवनीत कौर को मात्र 32, 92, 80 वोटों पर संतोष करना पड़ा था।
अमरावती शहर इन्द्र देवता की नगरी के रूप में विख्यात है, 12,210 वर्ग कि.मी के क्षेत्रफल में फैले इस शहर की जनसंख्या 21,77,082 है, जिसमें से 59 प्रतिशत लोग गांवों में और 40 प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं। 1951 से अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है लेकिन 1991 के बाद से वो यहां जीत के लिए तरस रही है। आपको बता दें कि अमरावती लोकसभा सीट SC के लिए आरक्षित सीट है। अमरावती लोकसभा सीट की कुछ तहसीलें वर्धा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आती है जिनमें मोर्शी, वरुड, चांदुर रेलवे, और धामणगांव रेलवे शामिल है।
अमरावती लोकसभा सीट का इतिहास
6 विधानसभा सीटों वाले अमरावती संसदीय सीट पर साल 1951 में सबसे पहले आम चुनाव हुए थे, जिसे कि कांग्रेस नेता पंजाबराव देशमुख ने जीता था। वो तीन बार इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए। 1951 से लेकर 1984 तक यहां पर कांग्रेस का राज रहा। साल 1980 में पहली बार इस सीट से कांग्रेस से ऊषा चौधरी ने चुनाव लड़ा और वो जीतकर लोकसभा पहुंचीं, वो दो साल लगातार इस सीट पर सांसद रहीं । साल 1989 में यह सीट CPI के नाम रहीं तो वहीं 1999 में पहली बार यहां से देश की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने चुनाव लड़ा था और वो संसद पहुंचीं , इसके बाद का चुनाव यानी कि साल 1996 में यहां पर शिवसेना ने जीता, इसके बाद 1998 में यह सीट रिपब्लिकन पार्ट ऑफ इंडिया के नाम रही लेकिन इसके एक साल बाद हुए चुनाव में शिवसेना ने अपनी हार का बदला ले लिया और तब से ये सीट शिवसेना के ही पास है और वर्तमान समय में आनंदराव अड़सूल यहां से सांसद हैं।
आनंदराव अडसुल का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक आनंदराव अडसुल की पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उपस्थिति 85 प्रतिशत रही है तो वहीं इस दौरान उन्होंने 59 डिबेट में हिस्सा लिया है और 967 प्रश्न पूछे हैं। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर NCP और नंबर 3 पर BSP थी। उस साल यहां कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 11 हजार 365 थी, जिसमें से मात्र 10 लाख 4 हजार 61 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5 लाख 56 हजार 250 और महिलाओं की संख्या 4 लाख 47 हजार 811 थी। अमरावती में 71 प्रतिशत आबादी हिंदू धर्म में और 14 प्रतिशत मुस्लिम धर्म में यकीन रखते हैं।
साल 2014 का चुनाव भाजपा और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था, यहां लंबे अरसे से शिवसेना का राज है तो वहीं इस बार के लोकसभा चुनाव में NCP और कांग्रेस साथ-साथ हैं। इस बार के चुनाव में जहां शिवसेना को अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है वहीं दूसरी और विरोधी दलों की कोशिश इस सीट को जीतने की है, देखते हैं अमरावती की जनता अपने पुराने साथी को चुनती है या फिर कुछ चौंकाने वाले परिणाम सामने लाती है।