लोकसभा चुनाव 2019: आदिलाबाद लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: अदिलाबाद लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद TRS नेता गोडम नागेश (Godam Nagesh)हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के डॉ. नरेश जाधव (Dr.Naresh Jadhav) को 1,71,290 वोटों से हराया था। गोडम नागेश को यहां पर 430,847 वोट मिले थे तो वहीं डॉ. नरेश जाधव को 259,557 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर तीन पर TDP और नंबर चार पर बसपा थी। TDP प्रत्याशी को 184,198 वोट और BSP प्रत्याशी को 94,420 वोट प्राप्त हुए थे। आपको बता दें कि यह लोकसभा सीट ST वर्ग के लिए आरक्षित है।
अदिलाबाद
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
साल
1951
में
यहां
पहला
आम
चुनाव
हुआ
,
तब
ये
हैदराबाद
स्टेट
का
हिस्सा
हुआ
करता
था,
तब
यहां
सोशलिस्ट
पार्टी
ने
चुनाव
जीता
था।
साल
1957
का
चुनाव
यहां
पर
कांग्रेस
ने
जीता,
1962,
1967,
1971,
1977
और
1980
तक
यहां
पर
कांग्रेस
का
ही
राज
रहा,
उसकी
विजयी
यात्रा
को
ब्रेक
लगाया
TDP
ने,
जिसने
यहां
पहली
बार
जीत
दर्ज
की,
हालांकि
साल
1989
में
यहां
फिर
से
कांग्रेस
जीती
लेकिन
इसके
बाद
हुए
चुनाव
में
यहां
TDP
का
ही
परचम
फहराया,
उसने
यहां
साल
1991,
1996,
1998
और
1999
में
जीत
दर्ज
की,
साल
2004
में
यहां
पर
तेलंगाना
राष्ट्र
समिति
यानी
कि
TRS
ने
जीत
दर्ज
की
और
मधुसूदन
रेड्डी
यहां
से
सांसद
चुने
गए
लेकिन
इन्होंने
थोड़े
वक्त
बाद
अपनी
सीट
से
त्यागपत्र
दे
दिया,
जिसकी
वजह
से
साल
2008
में
यहां
उप
चुनाव
हुए
और
इस
बार
ये
सीट
कांग्रेस
की
झोली
में
गई
लेकिन
साल
2009
के
चुनाव
में
यहां
TDP
ने
वापसी
की
लेकिन
साल
2014
के
चुनाव
में
यहां
पर
TRS
की
जीत
हुई
और
जी.
नागेश
यहां
से
जीतकर
लोकसभा
पहुंचे।
आदिलाबाद
,
परिचय-प्रमुख
बातें-
आदिलाबाद
तेलंगाना
का
एक
ऐतिहासिक
शहर
है
जहां
अनेक
वंशों
ने
शताब्दियों
तक
राज
किया।
प्रकृति
की
गोद
में
बसा
यह
खूबसूरत
स्थान
एक
उपयुक्त
पर्यटक
स्थल
है।
देवी
सरस्वती
का
घर
माना
जाने
वाला
यह
स्थान
'सिटी
ऑफ
कॉटन'
के
नाम
से
भी
प्रसिद्ध
है,
आदिलाबाद
का
नाम
बीजापुर
के
प्रारंभिक
शासक
अली
आदिल
शाह
के
नाम
पर
पड़ा।
ऐतिहासिक
रूप
से
देखा
जाए
तो
आदिलाबाद
कई
संस्कृतियों
का
घर
रहा
है।
मध्य
व
दक्षिणी
भारत
के
सीमा
पर
स्थित
होने
के
कारण
यहां
पर
उत्तर
भारत
के
शासकों
ने
भी
शासन
किया
और
दक्षिण
के
शासक
वंशों
ने
भी।
कृषि
और
खनन
कार्य
यहां
का
मुख्य
आय
श्रोत
है।
यहां
की
जनसंख्या
19,91,992
है,
जिसमें
से
79.60%
लोग
गांवों
मे
और
20
प्रतिशत
लोग
शहरों
में
रहते
हैं,
यहां
पर
15
प्रतिशत
लोग
एससी
वर्ग
के
और
22
प्रतिशत
लोग
एसटी
वर्ग
के
हैं।
अदिलाबाद
में
87
प्रतिशत
लोग
हिंदू
धर्म
में
और
10
प्रतिशत
लोग
इस्लाम
धर्म
में
यकीन
रखते
हैं।
गोडम
नागेश
का
लोकसभा
में
प्रदर्शन
दिसंबर
2018
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पिछले
5
सालों
के
दौरान
लोकसभा
में
इनकी
उपस्थिति
83%
रही
और
इस
दौरान
इन्होंने
केवल
4
डिबेट
में
हिस्सा
लिया
है
और
मात्र
12
प्रश्न
पूछे
हैं,
जिसे
आप
एक
अच्छा
रिकार्ड
नहीं
कह
सकते
हैं।
साल
2014
के
चुनाव
में
यहां
पर
कुल
मतदाताओं
की
संख्या
13,86,233
थी,
जिसमें
से
मात्र
10,45,839
लोगों
ने
अपने
मतों
का
प्रयोग
यहां
पर
किया
था
जिसमें
से
पुरुषों
की
संख्या
5,19,364
और
महिलाओं
की
संख्या
5,26,475
थी।
साल
2014
के
चुनाव
में
टीआरएस
ने
लोकसभा
की
17
में
11
सीटें
जीती
थीं,
जो
कि
एक
बहुत
बड़ा
कमाल
था
क्योंकि
उस
वक्त
देश
में
'मोदी
लहर'
की
धूम
थी,
लेकिन
तेलंगाना
में
टीआरएस
की
सुनामी
के
आगे
मोदी
लहर
की
एक
ना
चली,
आपको
बता
दें
कि
साल
2014
के
चुनाव
में
भाजपा
को
यहां
सिर्फ
एक
सीट
पर
विजय
मिली
थी,
तेलंगाना
विधानसभा
चुनाव
में
भी
TRS
का
ही
परचम
लहराया
है,
ऐसे
में
क्या
एक
बार
फिर
से
यहां
टीआरएस
का
ही
जादू
चलेगा,
यह
एक
बड़ा
प्रश्न
है,
जिसका
जवाब
जानने
के
लिए
हमें
चुनावी
नतीजों
का
इंतजार
करना
होगा
तो
वहीं
इस
सीट
पर
नंबर
दो
पर
रही
कांग्रेस
कैसे
इस
बार
इस
रण
में
उतरेगी,
इस
पर
भी
सबकी
निगाहें
लगी
हुई
हैं,
कुल
मिलाकर
कहा
जा
सकता
है
कि
मुकाबला
कड़ा
और
दिलचस्प
होगा।
ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: विरुधुनगर लोकसभा सीट के बारे में जानिए