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प्रियंका को क्यों सौंपी गई पूर्वी यूपी की जिम्मेदारी, जानिए पर्दे के पीछे की वजह

यूपी में सपा, बसपा और आरएलडी के महागठबंधन का हिस्सा बनने से चूकी कांग्रेस ने आखिर प्रियंका गांधी पर क्यों दांव लगाया?

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Priyanka Gandhi को UP महासचिव बनाने के पीछे Rahul Gandhi की ये बड़ी चाल | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव की सियासी बिसात अब बिछने लगी है। अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होते ही राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दांव चलने शुरू कर दिए हैं। यूपी में सपा, बसपा और आरएलडी के महागठबंधन का हिस्सा बनने से चूकी कांग्रेस ने भी आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए एक बड़ा दांव चला है। कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी यूपी में पार्टी का महासचिव नियुक्त कर दिया है। सियासी जानकारों की मानें तो प्रियंका गांधी को यह जिम्मेदारी मिलने से पूर्वी यूपी में ना केवल भाजपा की राह कठिन होगी बल्कि सपा-बसपा गठबंधन पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। आइए जानते प्रियंका गांधी के बारे में और क्यों सौंपी गई उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी।

लोगों से करती हैं सीधा संवाद

लोगों से करती हैं सीधा संवाद

बात 2014 के लोकसभा चुनाव की है। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका अपने भाई राहुल गांधी के चुनाव में प्रचार के लिए यूपी के अमेठी गई हुईं थी। इस दौरान जनसंपर्क के लिए निकलीं प्रिंयका गांधी अचानक एसपीजी का सुरक्षा घेरा तोड़कर आगे निकल गईं। एसपीजी के जवान कुछ समझ पाते, इससे पहले ही प्रियंका गांधी ने ईंटो के एक ढेर को लांघा और लोगों के पास पहुंच गईं। इसके बाद प्रियंका गांधी ने उसी ईंटों के ढेर पर बैठकर चौपाल लगाई और लोगों की समस्याएं सुनीं। इस पूरे घटनाक्रम से एसपीजी जवानों के हाथ-पांव फूल गए थे, लेकिन प्रियंका का यही अंदाज उन्हें आम लोगों के बीच जोड़ता है। कहा जाता है कि प्रियंका जब भी अमेठी या रायबरेली जाती हैं तो वो छोटी सभाओं के जरिए लोगों से सीधा संवाद करती हैं।

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शादी के लिए परिवार को मनाया

शादी के लिए परिवार को मनाया

सियासत के गहरे जानकार कहते हैं कि प्रियंका के अंदर उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि दिखती है। 12 जनवरी 1972 को जन्मीं प्रियंका की शादी 18 फरवरी 1997 को मूल रूप से यूपी के मुरादाबाद के ही रहने वाले और दिल्ली के बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा से हुई। प्रियंका के दो बच्चे, बेटा- रेहान वाड्रा और बेटी- मिराया वाड्रा हैं। दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई करने वाली प्रियंका ने डीयू के जीसस एंड मैरी स्कूल से साइकॉलोजी में ग्रेजुएशन और बुद्धिस्ट स्टडीज में एमए की डिग्री हासिल की है। प्रियंका और रॉबर्ट शादी से काफी पहले से एक-दूसरे को जानते थे। बताया जाता है कि दोनों के रिश्ते को लेकर पहले गांधी परिवार सहमत नहीं था, लेकिन बाद में प्रियंका ने अपने परिवार को मना लिया और दोनों शादी के बंधन में बंध गए। फोटोग्राफी और कुकिंग का शौक रखने वाली प्रियंका को बच्चों से बेहद लगाव है।

16 साल की उम्र में दिया था पहला भाषण

16 साल की उम्र में दिया था पहला भाषण

प्रियंका गांधी का हेयर स्टाइल उनकी दादी इंदिरा गांधी से मेल खाता है। कहा यह भी जाता है कि उनके भाषणों में इंदिरा के भाषण की झलक भी नजर आती है। 16 साल की उम्र में प्रियंका गांधी ने अपना पहला भाषण दिया था। उसके बाद प्रियंका कई राजनीतिक जुलूसों, रैलियों और सम्मेलनों में हिस्सा ले चुकी हैं। बेहद कम उम्र में ही प्रियंका नियमित रूप से अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी में जाना शुरू कर दिया था। इस दौरान वो लोगों की समस्याएं सुनती और उनसे सीधा संवाद करतीं। प्रियंका गांधी ने 2004 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के चुनाव प्रचार मैनेजर के रूप में कार्य किया। कई अहम मौकों पर प्रियंका पर्दे के पीछे से चुनावी रणनीति को लेकर बड़ी भूमिका भी निभा चुकी हैं।

क्या रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी प्रियंका?

क्या रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी प्रियंका?

2007 के यूपी विधानसभा चुनावों में जब राहुल गांधी पूरे प्रदेश के चुनावी अभियान में लगे थे, तो प्रियंका ने अमेठी और रायबरेली की दस सीटों पर कमाल संभाली। 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी प्रियंका ने अमेठी और रायबरेली में बड़े पैमाने पर प्रचार किया। सूत्रों की मानें तो खबर यह भी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से सोनिया गांधी की जगह प्रियंका को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। दरअसल काफी समय से कार्यकर्ताओं के बीच प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाए जाने की मांग उठती रही है। ऐसे में प्रियंका को संगठन में जिम्मेदारी देना कांग्रेस के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।

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English summary
Priyanka Gandhi Profile: Rahul Gandhi Appoints Priyanka Gandhi General Secretary in UP.
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