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Leadership: नए किरदार में नयी इबारत लिखने की तैयारी में हैं प्रिंयका गांधी वाड्रा

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बंगलुरू। इंडियन नेशनल कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी पांरपरिक खांचे से बाहर निकलकर अपना एक नया किरदार गढ़ने में जुट गई हैं। अक्सर चुनावी कैंपनों के बाद राजनीतिक गलियारों से दूरी बना लेने वाली प्रियंका गांधी को अब देश के प्रमुख मुद्दों पर मुखर होकर पार्टी की ओर से बयान देते हुए सुना जा सकता है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले पार्टी महासचिव बनाई गईं प्रियंका गांधी के राजनीतिक करियर की औपचारिक शुरूआत तो हो गई थी, लेकिन अब लगता है पार्टी प्रियंका गांधी को कोई नई जिम्मेदारी सौंप सकती है।

Priyanka Gandhi

हालांकि प्रियंका गांधी की शुरूआत ज्यादा अच्छी नहीं रही। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहन प्रियंका को पूर्वी यूपी की जिम्मेदारी सौंपकर उनसे यह उम्मीद जरूर की थी कि वो पार्टी कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भरेंगी और पूर्वी यूपी की अमेठी और रायबरेली पारंपरिक सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी बरकरार रखेंगी, लेकिन प्रियंका का करिश्मा नहीं चला और पारंपरिक अमेठी सीट गंवाकर पार्टी को ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा। माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद प्रियंका गांधी हमेशा की तरह वापस अपनी जिंदगी में लौट जाएंगी, लेकिन इस बार कुछ अलग होता दिख रहा है।

अमूमन चुनावी कैंपन तक सीमित रहीं प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव में बुरी हार के बाद भी लगातार राजनीतिक यात्राओं में व्यस्त हैं। पहले यह तर्क दिया जाता है कि पार्टी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बतौर प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करती आ रही थी इसलिए प्रियंका गांधी को अधिक अवसर नहीं दिया गया, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी नेतृत्व में पार्टी की हार ने पार्टी के शीर्ष पद तक पहुंचने का प्रियंका एक मौका जरूर दे दिया है।

Priyanka Gandhi

प्रियंका गांधी आजकल लगातार राजनीतिक यात्राओं में व्यस्त दिखती हैं। प्रियंका गांधी भी खुद को साबित करने के लिए खूब मेहनत भी कर रही हैं। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुए जन संहार में प्रियंका गांधी की गतिविधियां इसकी तस्दीक करती है, जहां प्रिंयका गांधी पूरी राजनीतिक वेशभूषा में नजर आई। संभल जन संहार में पीड़ितों से मिलने के लिए प्रियंका गांधी ने बाकायदा सड़क पर उतरकर अनशन किया और जमीन पर लोगों के साथ बैठी हुईं नजर आई।

इस दौरान प्रियंका गांधी को एक नई पहचान मिली और टीवी और अखबारों में कई दिनों तक सुर्खियों में भी बनीं रहीं। यूपी के संभल जिले से शुरू हुई प्रियंका गांधी की पहली निजी राजनीतिक यात्रा अब प्रदेश से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति की ओर भी दस्तक देने लगी है। प्रियंका गांधी अब जम्मू-कश्मीर मुद्दे समेत सभी मुद्दों पर अपनी राय रख रही हैं। आईएनएक्स मीडिया केस में फंसे पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी पर कांग्रेस की ओर दिया गया औपचारिक बयान भी प्रियंका गांधी की ओर दिया गया।

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वर्तमान समय में राष्ट्रीय और प्रादेशिक दोनों मुद्दों पर प्रियंका गांधी खुलकर बोल रही हैं, जिससे यह पता चलता है कि पार्टी अब प्रियंका गांधी को बैकअप के रूप में तैयार कर रही है। प्रियंका गांधी की हुई भूमिका को लेकर पार्टी में पहले भी चर्चा होती थी। इनमें 'प्रियंका लाओ, कांग्रेस बचाओ का नारा' खूब प्रचलित भी हुआ, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 से पार्टी का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी की मौजूदगी में इसे नारे को ज्यादा तवज्जो नहीं मिला।

गौरतलब है कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी के आला नेता जब राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए नहीं मना पाए तो कमेटी ने प्रियंका गांधी को भी पार्टी अध्यक्ष पद संभालने की गुजारिश की थी। कहा जाता है कि प्रियंका गांधी तब पार्टी अध्यक्ष पद की पेशकश को लेकर असहज हो गईं थी, जिसके बाद पार्टी को मजबूरन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष चुन लिया गया।

72 वर्षीय सोनिया गांधी का पार्टी का जब अंतरिम अध्यक्ष चुना गया तो ऐसी चर्चा होने लगी कि कांग्रेस ने हथियार डाल दिए हैं। कांग्रेस पर आरोप लगता रहा है कि पार्टी मुखिया जैसे बड़े पद के लिए गांधी परिवार से इतर किसी और के बारें में पार्टी कभी सोच नहीं सकती है और हुआ भी हुआ जब 12 घंटे के ड्रामे के बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा कर दी गई।

Priyanka Gandhi

11 अगस्त, 2019 को करीब दो महीने की अनिश्चिचतता के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी द्वारा सोनिया गांधी को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष चुना गया, लेकिन सोनिया गांधी का बतौर पार्टी अध्यक्ष मौजूद कार्यकाल उनके पिछले कार्यकाल की तुलना में बेहद फीका कहा जा सकता है। बतौर पार्टी अध्यक्ष अमूमन एग्रेशिव मोड में दिखने वाली सोनिया गांधी अब बदल सी गई हैं, इसके लिए उनकी रहस्यमयी बीमारी और बढ़ती उम्र हो सकती है, क्योंकि उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देकर पिछली बार पार्टी अध्यक्ष छोड़ने की पेशकश की थी और राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बनाए गए थे।

सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे कांग्रेसी नेताओं का तर्क था कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी ने यह कदम उठाया है, क्योंकि किसी और को पार्टी अध्यक्ष सौंपे जाने पर पार्टी में टूट की संभावना प्रबल हो सकती है। बतौर कांग्रेस अध्यश्र सोनिया गांधी मौजूदा कार्यकाल में कई मायनों में जुदा नजर आ रहा है।पहला यह कि सोनिया गांधी एग्रेशिव मोड नहीं है, दूसरा यह कि सोनिया गांधी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर सीधे बयान देने के बजाय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से बयान दिलवा रही हैं।

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जम्मू-कश्मीर जैसे बड़े मुद्दे पर भी सोनिया आगे नहीं आईं बल्कि राहुल और प्रियंका को आगे कर दिया गया। यही नहीं, किसी दूसरे पार्टी नेता को भी बयान देने के लिए तैयार नहीं किया गया। प्रियंका गांधी को बयान बहादुर के रूप में अधिक प्रमोट किया जा रहा है जबकि राहुल गांधी को जमीन पर उतार दिया गया है।

मौजूदा समय में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कांग्रेस की धुरी बन गई हैं। राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और प्रादेशिक मुद्दे पर प्रियंका गांधी का मुखर होकर बयान देना बताता है कि बतौर अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की क्या भूमिका तय की गई है। सोनिया गांधी को पार्टी के मुखौटे की रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की राजनीतिक स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए दोनों को बयान बहादुर और धरतीपकड़ नेता बनाने की प्रैक्टिस करवाई जा रही है।

Priyanka Gandhi

ऐसा मालूम पड़ता है कि पार्टी अभी कांग्रेस के भविष्य के नेता के बारे में नहीं सोच रही है बल्कि पार्टी को संभावित टूट से बचाने के लिए सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष चुना गया है, क्योंकि किसी और के पार्टी अध्यक्ष चुनने पर पार्टी की एकजुटता खतरा आसन्न था। सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष पद का कार्यकाल आगामी विधानसभा चुनाव के नतीजों पर निर्भर करेगा। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के हालिया गतिविधियां, बयानबाजी और राजनीतिक यात्राएं बताती हैं कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव तक पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कोई चुनाव नहीं कराने जा रही है।

अमूमन चुनाव बाद छुट्टी पर भाग जाने वाले राहुल गांधी का पार्टी की बुरी हार के बाद देश की राजनीति में हिस्सा लेना, हर मुद्दे पर बयान जारी करना और सियासी और संसदीय क्षेत्र का दौरा करना इंगित करता है कि पार्टी अभी भी राहुल गांधी को पार्टी का चेहरा मानती है और उनके ही नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी, लेकिन नेतृत्व का चेहरा अब सोनिया गांधी रहेंगी।

Priyanka Gandhi

वहीं, प्रियंका गांधी को राहुल गांधी के विकल्प के रूप में तैयार किया जा रहा है। अगर पार्टी तीनों विधानसभा चुनावो में से एक में भी अच्छा कर गई तो वाहवाही राहुल गांधी की जाएगी और पार्टी कुछ करिश्मा नहीं कर सकी तो मजबूरी में ही सही पार्टी प्रियंका गांधी को नेतृत्व सौंपने से गुरेज नहीं करेगी।

यह भी पढ़ें-रायबरेली में धरनारत रेल कोच कर्मचारियों से मिलीं प्रियंका गांधी, बोलीं- देश की आर्थिक हालत नाजुक

Comments
English summary
Congress general secretory Priyanka Gandhi might be in future face of Congress.These days Priyanka Gandhi is more aggressive than Rahul gandhi? Priyanka constantly speaking against modi government and confornting each issue with up cm Yogi Adityanath.
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