इतिहासकार, शोधकर्ता और लेखक एम चिदानंद मूर्ति का निधन, प्रधानमंत्री ने जताया दुख
नई दिल्ली। इतिहासकार, शोधकर्ता और लेखक एम चिदानंद मूर्ति का आज कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में निधन हो गया है। उन्हें हम्पी स्मारकों के संरक्षण के लिए अपने अभियान के लिए भी जाना जाता था। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख प्रकट किया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि चिदानंद मूर्ति संस्कृति और साहित्य के ज्ञाता थे, कन्नड़ भाषा के प्रति उनका जुनून उल्लेखनीय था।
प्रधानमंत्री
ने
कहा
कि
चिदानंद
मूर्ति
का
निधन
दुखद
है।
उनके
परिवार
और
प्रशंसकों
के
प्रति
मेरी
संवेदना।
ओम
शांति।
बता
दें
चिदानंद
मूर्ति
का
जन्म
10
मई
1931
में
हुआ
था।
वह
कर्नाटक
के
प्रसिद्ध
विद्वान
थे,
जो
कन्नड़
भाषा
और
प्राचीन
कर्नाटक
के
इतिहास
के
विशेषज्ञ
थे।
चिदानंद
मूर्ति
ने
1953
में
मैसूर
विश्वविद्यालय
से
आर्टस
(सम्मान)
की
डिग्री
प्राप्त
की
थी।
उन्होंने
साल
1957
में
मैसूर
विश्वविद्यालय
से
कन्नड़
साहित्य
में
मास्टर
ऑफ
आर्ट्स
की
डिग्री
प्राप्त
की।
चिदानंद मूर्ति ने अपने स्नातकोत्तर अध्ययनों के दौरान प्रभावशाली निबंध पम्पा कवि मट्टू मौलाना प्रसारा का निर्माण किया था। मैसूर विश्वविद्यालय में वह कुवेम्पु, पुतिना, राघवचर और कन्नड़ साहित्यकारों के प्रभाव में आए थे। उनके डॉक्टरेट की थीसिस का नाम कन्नड़ शिलालेखों का सांस्कृतिक अध्ययन था। उन्होंने 1964 में बेंगलुरू विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त की थी।