राष्ट्रपति ने बैंकरप्सी कोड संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दी, बढ़ेगी दिवालिया कंपनियों के प्रमोटर्स की मुश्किल
बैंकरप्सी कानून को और सख्त बनाने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। जिसके तहत दिवालिया कंपनियों के प्रमोटर्स की मुश्किल बढ़ेगी।
नई दिल्ली। बैंकरप्सी कानून को और सख्त बनाने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। जिसके तहत दिवालिया कंपनियों के प्रमोटर्स की मुश्किल बढ़ेगी। माना जा रहा है कि इसके बाद अब डिफॉल्टर्स किसी भी कंपनी के लिए बिडिंग नहीं कर सकेंगे। इस फैसले को PUS बैंकों के लिए राहत की खबर माना जा रहा है। कैबिनेट ने बुधवार को ही इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में संशोधन के लिए एक अध्यादेश लाने को मंजूरी दी थी। EPFO ने किया साफ, कहा- इन 10 लोगों को मिलेगी बढ़ी हुई पेंशन
अध्यादेश को राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई है। अब इस अध्यादेश को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलेगा। अध्यादेश लागू होने से डिफॉल्टर कंपनियों के प्रमोटर्स की मुश्किलें बढ़ेंगी और वह दोबारा कंपनियों में हिस्सेदारी नहीं खरीद पाएंगे। वहीं बैंकरप्सी प्रक्रिया से गुजर रहे भूषण स्टील, मोनेट इस्पात जैसी कंपनियों के लिए इसे बुरी खबर माना जा रहा है।
करीब 400 कंपनियों के मामलों को बैंकरप्सी कानून के तहत सुलझाने के लिए नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के पास भेजा गया है। आरबीआई ने 12 बड़ी कंपनियों के लोन डिफॉल्ट मामले को बैंकरप्सी कोर्ट के पास रेफर किया था। इनमें से 11 मामले दिवालिया अदालत के पास हैं।