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धर्म संसद से पहले वीएचपी की प्रन्यासी मंडल की बैठक, राम मंदिर मुद्दा शीर्ष पर

By विनोद कुमार शुक्ला
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नई दिल्ली। अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बेंच का गठन कर दिया है और अब इस मामले पर 10 जनवरी से सुनवाई होगी। ऐसे में इस विवाद में जितने भी पक्षकार हैं उनके पास इंतजार के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा है। हालांकि वीएचपी ने आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर इस प्रक्रिया में विलंब कराया है। वीएचपी पिछले काफी समय से कहती आ रही है कि वह अपनी पूर्व निर्धारित योजना के तहत ही आगे बढ़ेगी और केंद्र सरकार पर इस मामले में अध्यादेश लाने का दबाव डालेगी, जिससे कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो सके।

31 जनवरी को धर्म संसद

31 जनवरी को धर्म संसद

विश्व हिंदू परिषद इस पूरे विवाद पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है और लगातार लोगों को इस मुद्दे को लेकर एकजुट करने की कोशिश कर रही है। 21 जनवरी और 1 फरवरी को प्रयागराज में चल रहे अर्ध कुंभ में धर्मसंसद का आयोजन किया जाएगा। इस धर्म संसद से पहले वीएचपी योजना बना रहा है कि वह 16-17 जनवरी को केंद्रीय प्रन्यासी मंडल की प्रयागराज में बैठक करेगी और इस मुद्दे को ललेकर चल रही तैयारी की समीक्षा करेगी। इस बैठक में अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर चर्चा होगी, जिसमे वीएचपी के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी हिस्सा लेंगे।

संघ ने बढ़ाई गतिविध

संघ ने बढ़ाई गतिविध

आपको बता दें कि वीएचपी की वर्ष में दो बार जून और जनवरी माह में बैठक होती है, जिसमे संगठनात्मक ढांचे से लेकर तमाम मुद्दे पर चर्चा की जाती है। लेकिन इस बार इस बैठक में गो हत्या, गंगा, धर्म परिवर्तन मुद्दों के साथ राम मंदिर के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। तमाम संघ परिवार के सदस्यों ने अपनी गतिविधि को पिछले कुछ दिनों में बढ़ा दिया है। अक्टूबर 2018 में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने भाषण में राम मंदिर का जिक्र किया था, जिसके बाद से तमाम आरएसएस के पदाधिकारी सक्रिय हो गए हैं और राम मंदिर निर्माण को लेकर लगातार मांग कर रहे हैं।

वीएचपी के हौसले बुलंद

वीएचपी के हौसले बुलंद

आपको बता दें कि वीएचपी ने पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया है कि वह राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी रणनीति बनाएगी। इसके लिए 25 नवंबर 2018 को रैली का भी आयोजन किया गया था। अयोध्या के बड़े भक्त माल की बगिया में इस रैली का आयोजन किया गया था, इस दौरान भूमि पूजन भी किया गया था। अयोध्या के अलावा दिल्ली में भी रैली का आयोजन किया गया था, जिसमे तकरीबन 5 लाख लोग जमा हुए थे। लोगों के भारी समर्थन के चलते वीएचपी का राम मंदिर मुद्दे को लेकर हौसला बुलंद हो गया है।

आरएसएस भी होगी शामिल

आरएसएस भी होगी शामिल

सूत्रों की मानें तो आरएसएस खुद को इस आंदोलन में तभी शामिल करेगी जब उसे इस बात की उम्मीद होगी कि यह मुद्दा पिछली बार की तुलना में कही अधिक बड़े स्तर पर हो। लेकिन इस आंदोलन के अंतिम चरण की तैयारी कुंभ में धर्म संसद के बाद की जाएगी। इसी के बाद इस आयोजन की रणनीति को तैयार किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस धर्म संसद में तमाम संघ परिवार के सदस्य, कई संत और धर्म गुरु देशभर से हिस्सा लेंगे।

इसे भी पढ़ें- भाजपा ने कमलनाथ सरकार गिराने के लिए कांग्रेस विधायक को 100 करोड़ का प्रस्ताव दिया- दिग्विजय सिंह

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English summary
Pranyasi Mandal meeting of the VHP on January16-17 to set the tone for Dharm Sansad.
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