Delhi Pollution: बीजिंग से 10 गुना अधिक दिल्ली की हवा में जहर घुला, सांस लेना जानलेवा
देश की राजधानी में जिस तरह से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है उसे देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली गैस चैंबर बनती जा रही है।
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नई दिल्ली। देश की राजधानी में जिस तरह से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है उसे देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली गैस चैंबर बनती जा रही है। उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि दिल्ली गैस चैंबर बन गई है, हर वर्ष की तरह इस साल भी यह हुआ, हमे इसका समाधान ढूंढना होगा, पास के राज्यों में फसलों को जलाए जाने को रोकना होगा। हालात की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली में हेलीकॉप्टर से कृतिम वर्षा की जा रही है ताकि धुंध की परत को हटाया जा सके, साथ ही सरकार की ओर से कई सख्त कदम उठाए गए हैं, जैसे पार्किंग के दामों मे चार गुना की बढ़ोत्तरी और मेट्रो के फेरे को बढ़ाया गया है।
धुंध या कोहरा फर्क करना मुश्किल
जिस तरह से अरविंद केजरीवाल की दिल्ली की गैस चैंबर से तुलना की वह कतई अतिशयोक्ति नहीं है बल्कि यह दिल्ली की हकीकत है, पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में सांस लेना जानलेवा हो गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली के तमाम स्कूलों को बंद कर दिया गया है। इन स्कूलों को रविवार तक के लिए बंद किया गया है। आज भी पूरी दिल्ली में धुंध की मोटी परत छाई रही, जिसकी वजह से सड़क पर देखना भी मुश्किल हो रहा है। लोग यह नहीं पता कर पा रहे हैं कि यह ठंडी में पड़ने वाला कोहरा है या धुंध।
तय मानक से कहीं अधिक प्रदूषण
दिल्ली में मौजूदा समय में प्रदूषण दस गुना बढ़ गया है, कुछ जगहों पर एयर क्वालिटि इंडेक्स 999 पहुंच गया है, जोकि तय मानक से तीस गुना अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार चीन के बीजिंग से दिल्ली की हालत दस गुना खराब है। पीएम 2.5 पार्टिकल जोकि आसानी से आपके फेफड़ों में जा सकते हैं यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं और यह पूरी दिल्ली में फैले हुए हैं। इसकी चपेट में ना सिर्फ बच्चे बल्ले बड़े भी आ सकते हैं, लिहाजा सभी को घर में रहने का सलाह दी गई है।
लोगों के लिए मुश्किल का सबब
शहर में रहने वाले लोग अलग-अलग तरह की शिकायत कर रहे हैं, कुछ लोग सांस लेने में दिक्कत, आंओं में जलन, त्वचा पर खुजली की शिकायत कर रहे हैं तो कुछ लोगों की शिकायत है कि सड़क पर सही से देखना तक मुश्किल हो रहा है। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार दिल्ली के हालात काफी गंभीर हैं। दिल्ली सरकार ने भी एक बार फिर से ऑड इवेन फॉर्मूला लागू करने का फैसला लिया है। साथ ही सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है, शहर में भारी ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
लेने होंगे सख्त कदम
पर्यावरण के लिए काम करने वाले सुनीता नाराय का कहना है कि सरकार की ओर से जो कदम उठाए गए हैं वह पर्याप्त नहीं हैं। सरकार को चाहिए कि वह प्रदूषण को कम करने के लिए सख्त फैसले ले, ईपीसीए की ओर से जो सुझाव दिए गए हैं उनका केंद्र और राज्य सरकार सख्ती से पालन करे तभी इस हालात पर काबू पाया जा सकता है।
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