नीरव मोदी घोटाले में दो बैंक अधिकारियों को किया गया सस्पेंड
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक को चूना लगाने में नीरव मोदी की मदद करने के मामले में बैंक के दो एग्जेक्युटिव डायरेक्टर की छुट्टी कर दी गई है। इन दोनों ही अधिकारियों को 14000 करोड़ रुपए का नीरव मोदी को लोन देने के लिए सही प्रक्रिया का पालन नहीं करने की वजह से सस्पेंड कर दिया गया है। आपको बता दें कि पिछले वर्ष जनवरी माह में नीरव मोदी घोटाला सामने आया था, जिसमे बैंक को 14000 करोड़ रुपए का चूना लगा था। जिसके बाद से ही नीरव मोदी देश से फरार है।
जिन दो अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है वो के वीरा ब्रह्माजी राव हैं। राव 22 जनवरी को रिटायर होने वाले थे, जबकि दूसरे अधिकारी संजीव शरन को भी सस्पेंड किया गया है वह मई 2019 में रिटायर होने वाले थे। सरकार की ओर से दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उन्हें उनकी जिम्मेदारी सही से पूरी नहीं करने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने बैंक के डायरेक्टर के तौर पर स्विफ्ट का गलत इस्तेमाल करके करोड़ों का लोन गलत तरीके से पास किया। यह घोटाला महाराष्ट्र के मुंबई की पीएनबी शाखा में हुआ था।
आपको बता दें कि राव को जनवरी 2014 में बैंक का एग्जेक्युटिव डायरेक्टर बनाया गया था, इससे पहले वह विजया बैंक में थे। पीएनबी में उन्हें कई जिम्मेदारियां सौंपी गई थी, जिसमे रिस्क मैनेजमेंट, राजस्व का ऑपरेशन आदि शामिल था। जबकि शरन इससे पहले बैंक में जनरल मैनेजर थे, इसके बाद उन्हें सितंबर 2016 में एग्जेक्युटिव डायरेक्टर बनाया गया था। पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी पूर्व डेप्युटि मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने अपनी गलती को मानते हुए इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने स्विफ्ट का गलत इस्तेमाल किया है।
अगस्त 2018 में सरकार ने पीएनबी की सीईओ उषा अनंतसुब्रमण्यम को पद से हटा दिया था। उन्हें अपने कार्यकाल के अंतिम दिन सस्पेंड किया गया था, इस दौरान वह इलाहाबाद बैंक की एमडी और सीाईओ थीं।
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