फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों के India welcome की इन तस्वीरों को देखकर होगी कनाडा के पीएम ट्रूडो को जलन
शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए। मैंक्रों के दिल्ली पहुंचते ही पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर अपने मशहूर 'बियर हग' के साथ उनका स्वागत किया। पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर पालम एयरपोर्ट पहुंचे और उन्होंने उनका गले लगाकर स्वागत किया।
नई दिल्ली। शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए। मैंक्रों के दिल्ली पहुंचते ही पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर अपने मशहूर 'बियर हग' के साथ उनका स्वागत किया। पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर पालम एयरपोर्ट पहुंचे और उन्होंने उनका गले लगाकर स्वागत किया। मैक्रों अपनी पत्नी ब्रिजेट और कैबिनेट के कुछ सीनियर मिनिस्टर्स के साथ भारत की यात्रा पर आए हैं। आपको बता दें कि जिस समय कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत आए थे उस समय प्रोटोकॉल को लेकर काफी बातें हुई थीं और साथ ही ब्रिटेन से लेकर अमेरिकी मीडिया में इस बात की चर्चा थी कि आखिर क्यों पीएम मोदी उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट नहीं गए? जो तस्वीरें एयरपोर्ट से आई हैं उन्हें देखकर निश्चित तौर पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को मैंक्रों से जलन हो सकती है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि दुनिया भर में राजनीति के विशेषज्ञ ट्रूडो और मैंक्रों के बीच एक अक्सर तुलना करते रहते हैं।
Recommended Video
क्यों होती है ट्रूडो और मैंक्रों की तुलना
अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ अक्सर ही ट्रूडो और मैक्रों की तुलना करते हैं। दोनों युवा हैं और दोनों का राजनीति नजरिया एक जैसा है। दोनों युवा हैं और दोनों ही अपने गुड लुक्स के लिए लोगों में खासे पॉपुलर हैं। लेकिन वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति अपनी पहली भारत यात्रा पर निश्चित तौर पर एक अलग ही प्रभाव छोड़ने की कोशिश करेंगे। ऐसे में इन तस्वीरों को देखकर कहा जा सकता है कि कहीं न कहीं ट्रूडो उस ग्रैंड वेलकम हो हासिल करने से चूक गए जो पीएम मोदी ने मैंक्रों को दिया है।
आतंकवाद पर भारत के साथ फ्रांस
मैंक्रों को ग्रैंड वेलकम मिलने का एक बड़ी वजह है, आतंकवाद के मामले पर उसका भारत का समर्थन करना। विदेश विभाग में ज्वॉइन्ट सेक्रेटरी के नागराज नायडू ने बताया कि फ्रांस, दक्षिण एशिया में मौजूद आतंकवाद पर भारत के नजरिए का समर्थन करता है। वहीं ट्रूडो के रुख और उनकी सरकार के रवैये से भारत को हमेशा से लगता है कि कनाडा, भारत की चिंताओं से वाकिफ ही नहीं होना चाहता है। ट्रूडो और उनकी सरकार को भारत में खालिस्तान का समर्थक माना जाता है और इसलिए जब वह भारत यात्रा पर आए तो उन्हें खासी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। ट्रूडो के लिए मुंबई में आयोजित डिनर पर खालिस्तान के आतंकी जसपाल अटवाल को भी इनवाइट किया गया था और यह बात ट्रूडो के लिए परेशानी का सबब बन गई है। ट्रूडो का लचर रवैया उनके स्वागत में सबसे बड़ी बाधा बना था।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैंक्रों जाएंगे वाराणसी
जस्टिन ट्रूडो ने अपने परिवार के साथ अकेले ही गुजरात के अहमदाबाद का दौरान किया। लेकिन पीएम मोदी, फ्रेंच प्रेसीडेंट मैंक्रों को अपने साथ लेकर संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाएंगे। भारत और फ्रांस के बीच अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक करीब 10.95 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ। फ्रांस भारत में सबसे ज्यादा निवेश करना दुनिया का नौंवा देश है। सिर्फ इतना ही नहीं पीएम मोदी और मैंक्रों उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित एक सोलर प्लांट का उद्घाटन करने भी जाएंगे।
हर पल मैंक्रों के साथ रहेंगे सरकारी अधिकारी और मंत्री
ट्रूडो जहां-जहां गए अकेले ही थे और बस कुछ सरकारी अधिकारी ही उनके साथ थे। लेकिन मैंक्रों के साथ ऐसा नहीं होने वाला है। मैंक्रों 11 मार्च को फ्रांस और भारत की पहल पर आधारित एक इंटरनेशनल सोलर एलायंस समिट का हिस्सा बनेंगे। इसी दिन वह अपनी पत्नी ब्रिगेट के साथ ताज महल का दौर करेंगे। जहां समिट में राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो सकते हैं तो वहीं केंद्र सरकार के भी कुछ मंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा आगरा जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत कर सकते हैं।
भारत में निवेश करने वाला 9वां सबसे बड़ा देश फ्रांस
अक्टूबर 2000 से अक्टूबर 2017 तक फ्रांस, भारत में 6.09 बिलियन डॉलर का निवेश कर चुका है। शनिवार को पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने के बाद टाउन हॉल सेशन में हिस्सा लेंगे। इस सेशन में वह अलग-अलग इंस्टीट्यूट्स से आए करीब 300 स्टूडेंट्स के साथ चर्चा करेंगे। इसके अलावा वह इसी दिन एक नॉलेज समिट में भी शिरकत करेंगे जिसमें भारत और फ्रांस के करीब 200 शिक्षाविद् शामिल होंगे।
मोदी और मैक्रों की केमेस्ट्री से हैरान विशेषज्ञ
पीएम मोदी और मैक्रों की पिछले वर्ष पेरिस में मुलाकात हुई थी। यहां पर राष्ट्रपति मैंक्रों ने काफी गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया था। सूत्रों के मुताबिक मैक्रों, पीएम मोदी के साथ काफी ज्यादा समय बिताने वाले हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक मैक्रों को अभी सत्ता में आए नौ माह ही हुए हैं लेकिन उनकी और पीएम मोदी की एक अलग ही केमेस्ट्री है।
यह भी पढ़ें-क्यों कनाडा के पीएम ट्रूडो नहीं बल्कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैंक्रों की है अहमियत