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भक्ति आंदोलन से संतों ने भारत में रखी स्वतंत्रता आंदोलन की नींव: पीएम मोदी

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नई दिल्ली, 20 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाव वंदना पर्व (Bhav Vandana Parv) पर अपने संबोधन में कई अहम बातें कही हैं। उन्होंने कहा की भारत के संतों ने भी देश को गुलामी की जंजीरों के जकड़न से मुक्त कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। स्वतंत्रता आंदोलन की नीव रखने में संतों ने कई अहम भूमिकाओं का निर्वहन किया है। पीएम (PM Modi) ने अपने भाषण में संतों से जुड़ी और भाव वंदना पर्व को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें जनता से साझा की है। अपने वर्चुअल उद्बोधन में उन्होंने कहा कि हमारे देश के महापुरुषों को जिन्होंने भारत के पुनर्निमाण में अहम भूमिका निभाई है, उन्हें हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।

PM modi

शास्त्री जी का जीवन स्वार्थ रहित- पीएम मोदी

भाव वंदना पर्व पर अपना संबोधन देने पीएम मोदी ( PM Modi on Bhav Vandana Parv) अहमदाबाद पहुंचे थे। जहां उन्होंने श्री स्वामी नारायण गुरुकुल विश्वविद्या प्रतिष्ठानम् (SGVP) में विद्यार्थियों के समक्ष अपना भाषण दिया। एसजीवीपी में शात्री जी महाराज के परिनिर्वाण दिवस पर उनकी बायोग्राफी रिलीज की गई। जिसे 'धर्मगाथा' नाम दिया गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अक्सर हम अपने देश में कठिन परिश्रम से आदर्श स्थापित करने वाले महापुरुषों की कहानियां भूल जाते हैं जबकि उसकी जगह पर कुछ मान्यताएं रह जाती हैं। पीएम मोदी ने शास्त्री जी महाराज की आत्मकथा एक स्वार्थ रहित व्यक्तित्व को लिखित रुप से प्रस्तुत करेगी जो जीवन भर ज्ञान की खोज आर समाज सेवा में व्यस्त रहा।

सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की अवधारण पर आधारित है गुरुकुल व्यवस्था- पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार की टैग लाइन एक बार फिर दोहराई। उन्होंने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' की दृष्टि देखा जाए तो शास्त्रीजी महाराज जैसे महान लोगों से प्रेरणा लेती है। उनका जीवन सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के दर्शन पर आधारित है। प्रधान मंत्री ने कहा कि प्राचीन भारत की गुरुकुल परंपरा 'सर्वजन हिताय' का एक रूप थी। गुरुकुल परंपरा भारत के भव्य अतीत और गौरवशाली भविष्य को जोड़ने का मुख्य आधार है। यह एकमात्र ऐसी परंपरा है जो देश के आम लोगों को धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रेरणा देती है। पीएम ने कहा कि शास्त्री जी ने अपने गुरुकुल के माध्यम से दुनिया भर में कई लोगों के जीवन को नया आकार दिया। बाद में शास्त्री जी से शिक्षा पाकर ऐसे लोगों का जीवन अनुशासन और तपस्या की एक सतत का पर्याय बनी।

लोकल फॉर वोकल के लिए आगे आए गुरुकुल- पीएम मोदी

पीएम ने अपने संबोधन में गुरुकुल परिवार को वोकल फॉर लोकल बनाने को कहा। पीएम ने कहा कि अगर कोई भी स्वदेश में निर्मित वस्तु उपलब्ध हो तो क्रय करने में उसे महत्व जरूर देना चाहिए। इसी तरह, परिवार एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक से बचकर स्वच्छ भारत अभियान में योगदान दे सकता है। उन्होंने गुरुकुल परिवार से शास्त्रीजी महाराज की शिक्षाओं का पालन करते हुए 'आजादी का अमृत महोत्सव' को एक नए तरीके से मनाने का अनुरोध किया। पीएम ने स्वच्छता में सुधार के लिए समूहों में नियमित रूप से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी या स्थानीय मूर्तियों जैसे स्थानों पर जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि धरती मां को रासायनिक और अन्य नुकसान से बचाने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इस दिशा में गुरुकुल प्रमुख भूमिका निभा सकता है।

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शास्त्री ने प्रचीन ज्ञान को संजोने का किया कार्य- पीएम

पीएम ने महामारी से उत्पन्न अनिश्चितताओं और यूक्रेन की स्थिति जैसे संकटों का भी उल्लेख किया। इस दौरान उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के महत्व को दोहराया। एसजीवीपी गुरुकुल के साथ पीएम मोदी ने अपने व्यक्तिगत जुड़ाव को भी याद किया। पीएम ने कहा कि शास्त्रीजी ने समय की मांग के अनुरूप प्राचीन ज्ञान को अपनाने और ठहराव से बचने पर जोर दिया। पीएम ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव और अमृत काल में योगदान देने के लिए गुरुकुल परिवार आगे आ सकता है।

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English summary
pm modi said saints laid the foundation of freedom movement through bhakti
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