जो 20 वर्ष में नहीं हुआ वो लॉकडाउन ने कर दिखाया, उत्तर भारत की हवा बिल्कुल साफ, NASA ने तस्वीर जारी कर की पुष्टि
नई दिल्ली। यूं तो कोरोना वायरस संक्रमण ने दुनियाभर को अपनी चपेट में ले रखा है और तकरीबन पौने दो लाख लोगों की इससे मौत हो चुकी है। लेकिन कोरोना वायरस के चलते कई देशों में लॉकडाउन किया गया है, लोग अपने घर में हैं, जिसने पर्यावरण को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाई है। लॉकडाउन की वजह से हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। दिल्ली की हवा जोकि जहरीली हो गई थी और प्रदूषित हवा के चलते दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में इसकी गणना होने लगी थी। लेकिन अब इसमे काफी सुधार हुआ है। इस बात की पुष्टि खुद अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने की है।
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नासा ने जारी की सैटेलाइट इमेज
नासा की ओर से इस बाबत एक प्रेस रिलीज जारी की गई है, जिसमे कहा गया है कि 25 मार्च को देश में लॉकडाउन कर दिया गया और यहां 130 करोड़ लोग अपने घर में रहने लगे। जिसके चलते फैक्ट्री, कार, बस, ट्रक, विमानों की उड़ान ठप हो गई। इन गतिविधियों के रुकने के बाद नासा की सैटेलाइट सेंसर ने यह पाया कि उत्तर भारत में हवा में प्रदूषण का स्तर 20 साल के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। मानव निर्मिण एयरोसोल यानि हवा में घुले तरल व ठोस कण जो मानवनिर्मित होते हैं, हर वर्ष भारत के कई शहरों में बढ़ रहे थे, जोकि इंसान के फेफड़ों और गुर्दे को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं।
पहले कभी इतनी साफ नहीं थी हवा
यूनिवर्सिटीज स्पेस रिसर्च एसोसिएशन के पवन गुप्ता ने कहा कि हमे पता है कि आने वाले कुछ दिनों में लॉकडाउन का असर हम देखेंगे और पर्यावरण में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। लेकिन मैने कभी भी अप्रैल माह में उत्तर भारत में हवा में प्रदूषण का स्तर इतना कम नहीं देखा। नासा की ओर से इसकी तस्वीरें भी जारी की गई हैं, जिसमे तुलनात्मक रूप से दिखाया गया है कि एयरोसोल काफी कम हुआ है। 31 मार्च से 5 अप्रैल के दौरान वर्ष 2016 से 2020 के बीच यह काफी ज्यादा रहता था। लेकिन इस वर्ष इसमे कमी देखने को मिली है।
दक्षिण भारत में खराब हुई हवा
हाल ही में धौलाधर पर्वत भी हवा में प्रदूषण कम होने की वजह से पंजाब में दिख रहा था। दक्षिण भारत की बात करें तो सैटेलाइट डेटा दर्शाता है कि यहां एयरोसोल का स्तर इतना कम नहीं हुआ है, बल्कि यहां कुछ बढ़ोतरी हुई है। पिछले चार वर्षों की तुलना में यहां बढ़ोतरी देखने को मिली है। बहरहाल देखने वाली बात यह है कि आने वाले दिनों में जब लॉकडाउन हटता है तो क्या प्रदूषण का स्तर इतनी तेजी से बढ़ेगा।
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