'नीतीश कुमार की आत्मा हमारे साथ है...मैं जानता हूं', संजय राउत ने क्यों दिया ये बयान
दिल्ली में चल रही सियासी हलचल के बीच संजय राउत ने नीतीश कुमार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
नई दिल्ली, 3 अगस्त: संसद का मानसून सत्र जारी है और 'पेगासस जासूसी' के मामले पर केंद्र सरकार-विपक्ष में ठनी हुई है। विपक्ष मांग कर रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह संसद में आएं और उनकी मौजूदगी में ही इस मुद्दे पर चर्चा हो। साथ ही पेगासस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग भी जोर पकड़ रही है। हालांकि, सरकार ने विपक्ष की तमाम दलीलों को खारिज किया है। इस बीच सोमवार को एक बड़ा सियासी उलटफेर हुआ और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए पेगासस मामले की जांच की मांग कर डाली। नीतीश की इस मांग के बाद अब शिवसेना सांसद संजय राउत का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है।
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'कम से कम अब तो मोदी जी को सुन लेना चाहिए'
नीतीश कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने मंगलवार को कहा, 'मैं नीतीश कुमार का आभारी हूं। वो हमेशा से एक आदर्श नेता रहे हैं। आज वो सरकार के साथ हैं लेकिन उनकी आत्मा हमारे साथ है... मैं जानता हूं। अगर नीतीश कुमार कह रहे हैं कि 'पेगासस' मुद्दे की जांच होनी चाहिए, तो उन्होंने वही बोला है जो विपक्ष कह रहा है। कम से कम अब तो मोदी जी को सुन लेना चाहिए।'
नीतीश कुमार ने आखिर कहा क्या था?
सोमवार को जब संसद के दोनों सदनों में पेगासस के मामले पर हंगामा चल रहा था, तो नीतीश कुमार से पत्रकारों ने इस मुद्दे पर उनकी राय पूछी। अपनी राय देते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'पिछले कई दिनों से फोन टैपिंग की बात चल रही है। इस मुद्दे को संसद में उठाया जा रहा है और मीडिया में भी खबरें आ रही हैं... तो निश्चित तौर पर इसपर चर्चा होनी चाहिए और ध्यान देना चाहिए। मामले में जो भी सच है, वो लोगों के सामने आना चाहिए। इसकी कोई गारंटी नहीं है और कोई जानता भी नहीं है कि ये चीजें कैसे की जा सकती हैं। इसलिए, इस पूरे मामले की जांच हो और हर पहलू को देखते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए।'
सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा पेगासस का मामला
'पेगासस जासूसी' की रिपोर्ट को लेकर जहां कांग्रेस और विपक्ष के ज्यादातर दल संसद में मोदी सरकार पर हमलावार हैं, वहीं यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। वरिष्ठ पत्रकार एन राम, शशि कुमार, सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास और वकील एमएल शर्मा ने इस मामले में याचिका दाखिल की है, जिनपर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा। वहीं, मंगलवार को एडिटर्स गिल्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और इस मामले में जांच की मांग उठाई। गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और अश्विनी वैष्णव, अनिल अंबानी और एक पूर्व सीबीआई चीफ सहित 40 पत्रकारों के नाम एनएसओ के लीक डेटाबेस की लिस्ट में मिले हैं।
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