संसद में 'तानाशाह, जुमलाजीवी' जैसे शब्दों पर रोक को लेकर भड़के ओवैसी, जानिए क्या-क्या कहा ?
असंसदीय शब्दों पर बैन (unparliamentary words ban) लगने पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि केवल शब्दों को असंसदीय नहीं कहा जा सकता। उन्होंने प्रोटोकॉल पर भी सवाल खड़े किए।
नई दिल्ली, 14 जुलाई : असंसदीय शब्दों पर बैन (unparliamentary words ban) लगने पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने नए संसद भवन की छत पर लगाई गई नेशनल एंब्लम की रेप्लिका के कार्यक्रम में स्पीकर ओम बिरला के पीएम मोदी के पीछे बैठने के बारे में कहा, क्या ये असंसदीय नहीं है कि लोक सभा स्पीकर प्रधानमंत्री के पीछे बैठे रहे ? जुमलाजीवी और करप्ट को असंसदीय बताने पर ओवैसी ने कहा, केवल शब्दों को असंसदीय नहीं कहा जा सकता। कांग्रेस ने कहा, आज कह रहे हैं शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना, कल कहेंगे कि संसद में भगवा पोशाक पहनकर आना है। उन्होंने आरोप लगाए कि सरकार दूसरा गणतंत्र बनाने की ताक में है।
ओवैसी ने कहा- PM के स्पीकर भी असंसदीय
हैदराबाद से निर्वाचित सांसद असदुद्दीन ओवैसी मोदी सरकार की मुखर आलोचना के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने Unparliamentary Words की नई सूची पर कहा, आप संसद में जो बोलते हैं उसमें संदर्भ महत्वपूर्ण है। आप केवल शब्दों को असंसदीय नहीं कह सकते। उन्होंने सवाल किया कि क्या नए संसद भवन के टॉप पर लगाए गए राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के अनावरण समारोह में स्पीकर का पीएम के पीछे बैठना असंसदीय नहीं है ?
चीन की गलतियों को दोहराने से बचना होगा
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख ओवैसी ने जनसंख्या के मुद्दे पर एक अन्य सवाल पर एएनआई से कहा, हमें चीन की गलतियों को दोहराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, वे ऐसे किसी भी कानून का समर्थन नहीं करेंगे जो 2 बच्चों के लिए केवल नीति को अनिवार्य करे क्योंकि इससे देश को कोई लाभ नहीं होगा। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, भारत की कुल प्रजनन दर घट रही है, 2030 तक यह स्थिर हो जाएगी।
...कल कहेंगे भगवा पहनकर संसद आएं : कांग्रेस
Unparliamentary Words Ban के फैसले पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, अभी केंद्र सरकार कह रही है कि संसद के अंदर कुछ शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, कल वे परिसर में प्रवेश करने के लिए भगवा पोशाक पहनने को कहेंगे। बकौल अधीर रंजन, संसद में एक नियम समिति है। सरकार समिति से इतर असंसदीय शब्दों को बैन करने का फैसला लेकर दूसरा गणतंत्र बना रही है।
खड़गे का दावा- पीएम ने भी असंसदीय शब्द बोले
राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष रहे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, असंसदीय शब्दों पर बैन का फैसला संसद की उस पुस्तक पर निर्भर करता है जो असंसदीय शब्दों के बारे में फैसले लेती है। उन्होंने कहा कि हम उन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे जो पीएम मोदी ने अपने संसदीय करियर में इस्तेमाल किए थे। हम प्रधानमंत्री को बताएंगे कि उन्होंने बहस के दौरान किन शब्दों का इस्तेमाल किया था। खड़गे ने पूछा, जब प्रधानमंत्री ने खुद इन शब्दों का इस्तेमाल किया है तो अब उन्हें यह गलत क्यों लगता है ?
TMC सांसद ने दी सस्पेंड करने की चुनौती
तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने Unparliamentary Words Ban के फैसले पर कहा है कि वे मौलिक शब्दों का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि सांसदों को खामोश करने के लिए ऐसे निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वे Ashamed, corrupt, betrayed जैसे शब्दों का इस्तेमाल करेंगे, अगर नियम निलंबित करने का है तो वे स्पीकर को चुनौती देते हैं कि सस्पेंड करें।
Unparliamentary Words पर संसद के नियम
गौरतलब है कि 18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। इससे पहले लोकसभा सचिवालय की ओर से बुधवार (13 जुलाई) को जारी बुकलेट में जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर, स्नूपगेट, अशेम्ड, अब्यूज्ड, बीट्रेड, करप्ट, ड्रामा, हिपोक्रेसी, इनकंपीटेंट जैसे शब्दों को असंसदीय करार दिया गया है। अगर ये नियम संसदीय नियमावली का हिस्सा बनते हैं तो इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। लोक सभा की बुकलेट में शामिल शब्दों की सूची में अगर किसी शब्द का इस्तेमाल किया भी जाता है तो उन्हें असंसदीय भाषा की श्रेणी का मानकर लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। यानी भले ही लाइव टीवी पर ये शब्द देखे-सुने गए हों, लेकिन संसद के रिकॉर्ड में इन शब्दों को जगह नहीं मिलेगी। मतलब ये हुआ कि आधिकारिक रूप से ये नहीं माना जाएगा कि अमुक सांसद ने संसद के अंदर असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया है।