पाकिस्तान में सार्क समिट के लिए श्रीलंका, मालदीव का समर्थन, नेपाल की कोशिश भारत को साथ लाने की
नई दिल्ली। पाकिस्तान में सार्क (South Asian Association for Regional Cooperation) समिट का आयोजन करने के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली भारत से संपर्क कर सकते हैं। हालांकि, सूत्रों का मानना है कि केपी ओली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच होने वाली मुलाकात में सार्क अहम मुद्दा नहीं है, लेकिन फिर भी नेपाल के नए पीएम इस बारे में पीएम मोदी के सामने बात रख सकते हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री बनने के बाद केपी ओली पहली बार भारत आ रहें हैं, वे 6 से 8 अप्रैल तक नई दिल्ली में रहेंगे।
भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, श्रीलंका, मालदीव और नेपाल चाहते हैं कि इस्लामाबाद में सार्क समिट का आयोजन हो। हालांकि, इस समिट को लेकर अभी तक कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है। वहीं, अगर भारत एक बार फिर सार्क का बहिष्कार करता है, तो इसका आयोजन नहीं हो सकता। बता दें कि पिछले दो सालों से सार्क समिट की बैठक नहीं हो पाई है।
फिलहाल नेपाल के पास सार्क की अध्यक्षता है और केपी ओली सरकार की पूरी कोशिश है कि इस साल के अंत तक इस्लामाबाद में इसका आयोजन हो। हालांकि, नेपाल भारत के किसी भी फैसले के खिलाफ इतनी आसानी से नहीं जा सकता है। इस्लामाबाद में सार्क समिट कराने के लिए भारत को मनाना नेपाल के लिए चुनौती की तरह है, क्योंकि इस समिट के बाद नेपाल अपनी इस जिम्मेदारी को पाकिस्तान को सौंप देगा।
इस्लामाबाद में सार्क समिट के लिए अगर नेपाल, श्रीलंका और मालदीव का समर्थन मिल रहा है तो भारत के साथ अफगानिस्तान, भूटान और बांग्लादेश खड़े हैं। गौरतलब है कि 2016 में 19वां सार्क समिट होना था, लेकिन जम्मू कश्मीर में उरी अटैक के बाद भारत ने इस समिट का बहिष्कार कर दिया था।
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