पाकिस्तान का डोजियर झूठ का पुलिंदा: 5 कारण जिनके चलते इमरान खान ने इस वक्त चली ये चाल
नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान खान (Imran Khan) सरकार ने पिछले सप्ताह एक बार फिर भारत को बदनाम करके की कोशिश की। पाकिस्तान पिछले काफी समय से दुनिया में अपनी आतंकियों का समर्थक देश होने वाली छवि से निकलने के लिए छटपटा रहा है। इसलिए वह भारत पर उल्टा आरोप लगाकर उसे बदनाम करने की कोशिश करता रहता है। पाकिस्तान का भारत के खिलाफ आरोपों का कथित डोजियर उसकी यही कोशिश है। पाकिस्तान पहले भी ऐसी कोशिश करता रहा है लेकिन उसे हर बार विफलता ही हाथ लगी है।
इस कथित डोजियर के पहले पाकिस्तान को इसी सितम्मबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इमरान खान को झटका लगा था जब परिषद ने इमरान खान के दो भारतीयों को आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इस प्रस्ताव को चीन से समर्थन मिलने के बाद इमरान खान सुरक्षा परिषद में ले गए थे। इसके कुछ महीने पहले भी सुरक्षा परिषद ने चार भारतीयों के खिलाफ प्रस्ताव को भी रोक दिया था।
पाकिस्तान
के
NSA
का
दिमाग
पाकिस्तान
को
आतंकियों
के
समर्थक
देश
वाली
छवि
से
बाहर
निकालने
की
कोशिश
के
पीछे
राष्ट्रीय
सुरक्षा
सलाहकार
मोईद
डब्ल्यू
यूसुफ
का
दिमाग
है।
यूसुफ
की
इस
योजना
में
दुनिया
का
ध्यान
पाकिस्तान
से
हटाकर
भारत
की
तरफ
मोड़ना
सबसे
अहम
है।
यूसुफ
ने
भारत
के
खिलाफ
माहौल
तैयार
करने
के
लिए
पिछले
अक्टूबर
में
भारत
पर
पाकिस्तान
में
आतंकवाद
फैलाने
का
आरोप
लगाया
है।
यूसुफ पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा डिवीजन पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक रहे हैं। उन्हें पाकिस्तान सेना के भरोसेमंद लोगों में माना जाता है। वे अमेरिका में रहकर पाकिस्तान के लिए नैरेटिव सेट कर रहे थे। बाद में इमरान सरकार के साथ जुड़ने के बाद 39 वर्षीय यूसुफ का रोल काफी बढ़ गया है। उनकी कोशिश सिर्फ पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान के साथ ही हर तबके को इसमें लगा रहे हैं। अक्टूबर में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मीडिया को देश का नैरेटिव बदलने में बड़ा रोल अदा करना चाहिए। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूसुफ ने भारत के एकतरफा नैरेटिव का जिक्र करने के साथ ही काउंटर नैरेटिव शुरू करने की ओर इशारा किया था।
पिछले हफ्ते विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल इफ्तिखार बाबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान का भारत के खिलाफ आरोपों का ये कथित डोजियर यूसुफ के उसी काउंटर नैरेटिव की पहली कड़ी है। पाकिस्तान ऐसे झूठे, मनगढ़ंत और बनावटी आरोप आगे भी लगाएगा। खास तौर पर जब मुश्किल हालात में फंसे इमरान खान को ऐसे आरोपों से एक सपोर्ट मिलता है। विशेषज्ञ पाकिस्तान की इस बेबसी के पीछे ये प्रमुख कारण देख रहे हैं।
1-
मुश्किल
में
इमरान
सरकार
पाकिस्तान
के
डोजियर
को
जारी
करने
की
सबसे
बड़ी
वजह
तो
इमरान
सरकार
का
मुश्किल
हालात
में
फंसी
होना
है।
पूरा
विपक्ष
एकजुट
होकर
सरकार
पर
हमलावर
है।
यहां
तक
कि
खुलकर
पाकिस्तान
सेना
पर
इमरान
के
समर्थन
में
चुनाव
जितवाने
के
आरोप
लग
गए
हैं।
विपक्ष
की
एकजुटता
के
साथ
ही
उसकी
रैलियों
में
उमड़
रही
भीड़
भी
इमरान
खान
की
चिंता
बढ़ा
रही
है।
ऐसे
वक्त
में
इन
सभी
हमलों
का
रुख
भारत
के
खिलाफ
अगर
मुड़
जाए
तो
इससे
अच्छा
इमरान
खान
के
लिए
कुछ
नहीं
होगा।
कट्टरपंथ
की
सोच
में
डूबे
पाकिस्तान
में
ये
काम
भारत
के
खिलाफ
भावनाओं
को
भड़काकर
ही
किया
जा
सकता
है।
2-
गिलगिट-बाल्टिस्टान
चुनाव
पर
घिरी
इमरान
सरकार
दूसरी
वजह
ये
है
कि
पाकिस्तान
इन
आरोपों
के
बहाने
गिलगिट-बाल्टिस्टान
चुनाव
में
हो
रही
धांधली
को
लेकर
ध्यान
भटकाना
चाहता
है।
भारत
का
खतरा
दिखाकर
पाकिस्तान
सरकार
चुनाव
में
धांधली
के
किसी
भी
आरोप
को
कमजोर
कर
सकती
है।
पाकिस्तान
की
पीपीपी
के
बिलावल
भुट्टो
और
पीएमएल-एन
की
मरियम
नवाज
ने
चुनाव
में
खुलेआम
धांधली
करने
का
आरोप
लगाया
है।
इमरान
सरकार
ये
बात
जानती
थी
कि
चुनाव
में
धांधली
एक
बड़ा
मुद्दा
होने
वाला
है
यही
वजह
है
कि
उसने
इसके
काउंटर
में
भारत
समर्थित
आतंकवाद
का
हव्वा
खड़ा
करने
की
कोशिश
है।
3-
देश
पर
बढ़ता
आर्थिक
संकट
पाकिस्तान
की
कर्ज
में
डूबी
अर्थव्यवस्था,
आर्थिक
संकट
इमरान
सरकार
के
सामने
बड़ी
चुनौती
है।
वहीं
आतंकवादी
समूहों
को
समर्थन
और
उनके
खिलाफ
प्रभावी
कार्रवाई
न
करने
को
लेकर
वह
एक
बार
फिर
FATF
की
ग्रे
लिस्ट
से
बाहर
नहीं
आ
सका
है।
यही
वजह
है
कि
पाकिस्तान
एक
काउंटर
नैरेटिव
तैयार
करने
में
जुट
गया
है
जिसके
चलते
दुनिया
की
नजर
भारत
पर
पड़े।
पाकिस्तान
की
कोशिश
बार-बार
इन
आरोपों
को
नए
रूप
में
दोहराने
की
है
ताकि
भारत
अपनी
ऊर्जी
आरोपों
पर
सफाई
देने
में
खर्च
करे।
इससे
अंतरराष्ट्रीय
जगत
में
पाकिस्तान
पर
प्रेशर
कम
होगा।
4-
अमेरिकी
चुनाव
को
ध्यान
में
रखकर
ये
डोजियर
की
टाइमिंग
का
अमेरिकी
चुनाव
के
नतीजों
से
भी
काफी
कुछ
लेना
देना
है।
ट्रंप
के
राष्ट्रपति
रहते
हुए
भारत
और
अमेरिका
एक-दूसरे
के
काफी
करीब
आए
थे
और
पाकिस्तान
को
लगभग
अलग-थलग
होना
पड़
गया
था।
अब
बाइडेन
के
आने
से
पाकिस्तान
का
मनोबल
बढ़ा
हुआ
है।
खासतौर
पर
बाइडेन
के
कश्मीर
को
लेकर
भारत
विरोधी
रुख
को
देखते
हुए
पाकिस्तान
को
उम्मीद
है
कि
इस
डोजियर
के
बहाने
वह
अमेरिका
के
आने
वाले
प्रशासन
को
मनाने
में
सफल
होगा।
साथ
ही
इस
बात
के
लिए
भी
राजी
कर
सकेगा
कि
अभी
अमेरिका
को
इस
क्षेत्र
में
और
अधिक
भूमिका
निभाने
की
जरूरत
है।
5-
निशाने
पर
विपक्ष
साथ
ही
ये
डोजियर
नवाज
शरीफ
जैसे
विपक्षी
नेताओं
को
निशाना
बनाने
में
भी
मदद
करेगा
जिनकी
कोशिश
भारत
के
साथ
संबंध
सामान्य
और
नरम
रुख
वाली
रही
है।
पाकिस्तान
के
प्रधानमंत्री
इमरान
खान
नवाज
शरीफ
पर
भारत
के
हाथों
में
खेलने
का
आरोप
लगा
चुके
हैं।
अब
भारत
के
खिलाफ
ऐसे
डोजियर
लाकर
वह
खुद
को
दुश्मन
देश
के
खिलाफ
लड़ने
वाला
साबित
करके
जनता
और
सेना
दोनों
का
समर्थन
खींचना
चाह
रहे
हैं।