प्रचार के लिए कौन दे रहा है भाजपा को इतना पैसा?
इन दिनों आप जिधर देखेंगे आपको सिर्प मोदी ही मोदी दिखेंगे। मोदी रैली पर रैली कर रहे हैं। हैलीकॉप्टर से घूम रहे है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि आखिर भाजपा के पास प्रचार के लिए इतना पैसा आया कहां से ।
कभी सोचा कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार का ये तानाबाना कैसे बुना है? देश के कोने-कोने तक पहुंचने के लिए भाजपा दोनों हाथों से पैसा खर्च कर रही है, लेकिन इतना पैसा भाजपा को कौन दे रहा है। कांग्रेस आरोप लगाती है कि भाजपा प्रचार में काला धन इस्तेमाल कर रही है। जबकि भाजपा की दलील है कि चुनाव प्रचार के लिए उन्हें चंदे मिले हैं।
भाजपा की माने तो वो चंदे के बूते चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन फिर सवाल ये उठता है कि चंदे के बल पर हजारों करोड़ कैसे खर्च किया जा सकता है। आखिर इतने चंदे का स्त्रोत क्या है? भले ही ये खर्च अनुमानित हों, लेकिन ये पिछले चुनाव से कई गुना ज्यादा है। ऐसे में पूछा जाना लाजिमी है कि ये पैसे कौन दे रहा है?
जैसे-जैसे चुनाव प्रचार के माध्यमों में विस्तार हो रहा है उसी तरह से खर्च का भी विस्तार होता जा रहा हैं। पिछले चुनावों में राजनीतिक दलों की जितना खर्च किया था, इस बार ये राशि उससे कई गुना अधिक रह सकती है।
2009 लोकसभा चुनाव की बात करे तो भाजपा ने उस चुनाव में 448.66 करोड़ खर्च किए थे। जबकि खर्च के मामले में दूसरे पायदान पर रही कांग्रेस ने 2009 में 380.04 करोड़ खर्च किए थे। कम खर्च के बाद भी कांग्रेस वो चुनाव जीतने में कामयाब रही थी। राजनीतिक दलों ने ये पैसा चंदे के बूते इकट्ठाा किया था। हालांकि चंदों के श्रोत भी कम दिलचस्प नही था। राजनीतिक दलों ने अधिकांश पैसा नगद लिया था। ऐसे में इन पैसों कितना काला धन रहा होगा, ये कहना मुश्किल है।