कोरोना वैक्सीन को लेकर ओडिशा सरकार की तैयारियां तेज, 29000 से ज्यादा साइट्स पर होगा टीकाकरण
कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को लेकर ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को लेकर ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। ओडिशा सरकार को उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी और इसीलिए प्रशासन पूरी तरह मशीनरी को तैयार करने में जुट गया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सामने स्वास्थ्य विभाग ने अपनी प्रजेंटेशन पेश की और कहा कि उम्मीद जताई जा रही है कि कोरोना वायरस की दो डोज को सुरक्षित रखने के लिए 2 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस तक भंडारण तापमान की जरूरत पड़ेगी।
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मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, 'हालांकि कोरोना वायरस का टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद इसके पूरे होने में एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है, फिर भी वैक्सीन और कोरोना वायरस के लगातार बदले व्यवहार को लेकर लोगों को जागरूक रहना चाहिए। वहीं, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (स्वास्थ्य) प्रदीप्त कुमार महापात्रा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग इस तथ्य के आधार पर अपनी तैयारियों का आंकलन कर रहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन अपने अंतिम चरण के ट्रायल में हैं। इसके अलावा रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन भी जल्द ही अपने तीसरे चरण का ट्रायल शुरू कर सकती है।
सभी
वैक्सीन
के
ट्रायल
पर
सरकार
की
नजर
प्रदीप्त
कुमार
महापात्रा
ने
आगे
बताया
कि
इसी
तरह
सीरम
इंस्टीट्यूट
ऑफ
इंडिया
की
NVX-CoV
2323
वैक्सीन
के
तीसरे
चरण
के
लेकर
विचार
चल
रहा
है।
इसके
अलावा
चार
अन्य
वैक्सीन
भी
अपने
ट्रायल
के
अलग-अलग
चरण
में
हैं।
महापात्रा
ने
कहा
कि
वैश्विक
स्तर
पर
भी
फिलहाल
58
वैक्सीन
क्लीनिकल
ट्रायल
के
दौर
में
और
203
वैक्सीन
प्री-क्लीनिकल
ट्रायल
के
दौर
में
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
जितनी
भी
वैक्सीन
ट्रायल
में
हैं,
कोरोना
के
खिलाफ
उनकी
सभी
की
दो
डोज
जरूरी
हैं
और
उनके
लिए
2
डिग्री
से
8
डिग्री
तक
का
भंडारण
तापमान
चाहिए।
29
हजार
से
ज्यादा
साइट्स
पर
होगा
टीकाकरण
प्रदीप्त
कुमार
महापात्रा
ने
बताया
कि
सरकार
यह
सुनिश्चित
करने
के
लिए
अपना
एक
डाटाबेस
तैयार
करेगी
कि
हर
नागरिक
को
एक
ही
वैक्सीन
की
दो
डोज
दी
जाएं।
ऐसा
ना
हो
कि
किसी
को
दो
अलग-अलग
वैक्सीन
की
2
खुराक
मिलें।
महापात्रा
ने
कहा
कि
इसके
लिए
राज्य
में
29
हजार
से
ज्यादा
साइट्स
तैयार
की
जा
रही
हैं,
जहां
कोरोना
वायरस
की
वैक्सीन
देने
के
लिए
प्रवेश
और
निकास
द्वार
अलग
होंगे,
ताकि
किसी
भी
तरह
की
गड़बड़ी
से
बचा
जा
सके।
हर
साइट
पर
तीन
अलग-अलग
हिस्से
तैयार
किए
जाएंगे,
जहां
वैक्सीन
का
इंतजार
करने
वाले
एक
हिस्से
में,
वैक्सीन
ले
रहे
लोग
दूसरे
हिस्से
में
और
वैक्सीन
के
बाद
ऑब्जर्वेशन
वाले
लोग
तीसरे
हिस्से
में
रहेंगे।
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