अब संसद में "सर" कहकर महिलाओं को नहीं किया जाएगा संबोधित, शिवसेना सांसद के अनुरोध पर किया गया ये बदलाव
नई दिल्ली, 21 सितंबर: संसद में सालों से निभाई जा रही एक परंपरा का अंत होने जा रहा है। संसद में पुरुषों की तरह महिलाओं को भी "सर" कहकर संबोधित किया जाता रहा है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसकी वजह है कि अब संसदीय प्रश्नों के उत्तर अब Gender-Neutral शब्दों का प्रयोग किया जाएगा। सर का संबोधन महिलाओं के लिए प्रयोग नहीं होगा। ये शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के अनुरोध के बाद संभव हुआ है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने बीते माह संसदीय कार्य मंत्री को एक लेटर लिखा था जिसमें उन्होंने लिखा था कि
संसद में उठाए गए सवालों के जवाब देते समय सर वाक्यांश को अक्सर उन मामलों में प्रयोग किया जाता है जहां उत्तर नगेटिव होता है। एक महिला सांसद के रूप में लोकतंत्र के मंदिर - संसद द्वारा ही संस्थागत लिंग को मुख्यधारा में लाने की पहल की जाए।
संसद ने सांसद के इस अनुरोध को स्वीकार किया और अब महिलाओं को सर कहकर संबोधित नहीं किया जाएगा।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक दिन पहले 20 सितंबर को राज्यसभा सचिवालय से उन्हें मिला एक लेटर शेयर किया। इस लेटर में लिखा था
सदन की सभी कार्यवाही (संसदीय प्रश्नों के उत्तर सहित) अध्यक्ष को संबोधित हैं. हालांकि, मंत्रालयों को सूचित किया जाएगा कि राज्यसभा के अगले सत्र से Gender-Neutral उत्तर प्रस्तुत करें।
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