नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने पर नॉर्वे की महिला को भारत छोड़ने का आदेश
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने पर नॉर्वे की महिला को भारत छोड़ने का आदेश
नई दिल्ली। नॉर्वे की एक महिला पर्यटक को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने पर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। नॉर्वे की महिला जेन मेट जॉनसन ने कथित तौर पर 23 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ निकाले जा रहे जुलूस में हिस्सा लिया था। जिसके बाद वो आव्रजन ब्यूरो की जांच के दायरे में आ गईं और उनको वापस अपने देश जाने के लिए कहा गया है।
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जानकारी के मुताबिक, जॉनसन टूरिस्ट वीजा पर भारत आईं थीं। 23 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ केरल में वो एक जुलूस में शामिल हुईं। जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले फॉरनर्स रिजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) ने इसकी जांच की। कोच्चि में उनसे पूछताछ हुई और उन्हें वीजा के नियमों के उल्लंघन पर वापस जाने को कहा गया।
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने पर किसी विदेशी को देश छोड़ने के आदेश दिए जाने का ये दूसरा मामला है। इसी हफ्ते सोमवार को आईआईटी मद्रास में पढ़ रहे जर्मनी के एक छात्र वापस भेजा गया है। इस छात्र ने चेन्नई में नागरिकता कानून के खिलाफ जुलूस में पोस्टर लहराए थे।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून हाल ही में संसद से पास हुआ है। इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल और कई सामाजिक संगठन इस बिल का विरोध कर रहे हैं। देशभर की बड़ी यूनिवर्सिटियों के छात्र भी इसके खिलाफ सड़कों पर हैं। इसके खिलाफ हुए प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है।
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए जर्मन छात्र को वापस भेजा गया