पाकिस्तान में सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने की खबरों पर सेना ने कहा, 'अभी कोई प्रस्ताव नहीं'
नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से मीडिया में एक खबर ने सुर्खियां बटोरी थी जिसमें कहा गया था कि भारतीय सेना पाकिस्तान में होने वाले बहुदेशीय सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले सकती है। पाकिस्तान में होने वाले इस सैन्य अभ्यास का आयोजन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) कर रहा है जिसका भारत भी पूर्ण सदस्य है। कई मीडिया रिपोर्ट में ये कहा गया था कि भारतीय सेना भी इस सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने जा रही है लेकिन भारतीय सेना ने इन खबरों का खंडन किया है।

सेना के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं
भारतीय सेना को ऐसा कोई प्रस्ताव अभी तक नहीं मिला है। भारतीय सेना के स्रोतों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है कि पाकिस्तान में होने वाली एससीओ अभ्यास को लेकर हमें अभी तक कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।
पिछले सप्ताह से इस बारे में अटकलें लगाई जा रही थी कि भारतीय सेना एससीओ द्वारा आयोजित आतंकवाद-विरोधी युद्धाभ्यास में हिस्सा लेगी या नहीं।
यह सैन्य अभ्यास इस साल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के नौशेरा जिले में स्थित पब्बी नामक स्थान पर सितम्बर-अक्टूबर में आयोजित की जाएगी। इसीलिए पब्बी-एंटीटेरर-2021 नाम दिया गया है।

पाकिस्तानी मीडिया में आई थीं खबरें
इसके पहले पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान ने अभी तक ये तय नहीं किया है कि वह सैन्य अभ्यास के लिए भारत को निमंत्रण भेजेगा या नहीं। पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र डॉन ने पाकिस्तान सेना के स्रोतों के हवाले से लिखा था कि "भारतीय सैनिकों को सैन्य अभ्यास में आमंत्रण देने को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है।"
डॉन ने एक अन्य अधिकारी के हवाले से लिखा कि इसकी बहुत कम संभावना है कि पाकिस्तान अपने पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी को युद्धाभ्यास के लिए आमंत्रित करेगा।

पहले ले चुका है भारत हिस्सा
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब भारत पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेता। इसके पहले भारतीय सैनिक चीन और पाकिस्तान के सैनिकों के साथ शंघाई सहयोग संगठन के सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेता रहा है लेकिन पिछली साल भारत ने इस सैन्य अभ्यास में अपने सैनिकों को नहीं भेजा था। इस सैन्य अभ्यास में पाकिस्तान और चीन के सैनिक शामिल हुए थे।
शंघाई सहयोग संगठन एक आर्थिक और सुरक्षा संगठन है जिसमें भारत और पाकिस्तान 2017 से पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल है। इसके संस्थापक देशों में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान हैं।
पाकिस्तान
की
अकड़
पड़ी
ढीली,
कश्मीर
मुद्दे
पर
भारत
से
की
'शांति
की
बात’