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नज़रिया: 'गीता नहीं, राहुल गांधी के लिए ज़रूरी हैं ये सात किताबें'

वरिष्ठ पत्रकार मधुकर उपाध्याय बता रहे हैं कि राहुल गांधी को अपनी ज़मीन खुद तलाशनी चाहिए.

By BBC News हिन्दी
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राहुल गांधी
MANAN VATSYAYANA/AFP/Getty Images
राहुल गांधी

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वो आरएसएस का सामना करने के लिए गीता और उपनिषद् पढ़ रहे हैं.

हालांकि सोशल मीडिया पर इसका काफी मज़ाक उड़ाया जा रहा है लेकिन अगर गंभीरता से देखा जाए तो राहुल गांधी को कौन सी किताबें पढ़नी चाहिए भारत को समझने के लिए.

हमने ये सवाल रखा जाने माने पत्रकार मधुकर उपाध्याय के सामने और पूछा कि क्या किसी संगठन से निपटने के लिए किताबें पढ़ना एक तरीका है और उनके हिसाब से राहुल को कौन सी किताबें पढ़नी चाहिए.

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मधुकर उपाध्याय के शब्दों में

पहले सवाल का जवाब ऐसे नहीं हो सकता. आदमी को अपनी ज़मीन खुद तलाशनी चाहिए.

अगर राहुल गांधी को ये लगता है कि कांग्रेस का जनता से कनेक्ट खत्म हो रहा है तो उन्हें देखना होगा कि उस कनेक्ट के लिए उन्हें क्या पढ़ना है.

किसी को जवाब देने के लिए आपका विद्वान होना हो सकता है कि ज़रूरी हो लेकिन ये भी देखिए कि सामने वाला भी तो पढ़ा लिखा हो.

नैतिकता, दक्षिण एशिया, धर्म, सभ्यता इन्हीं मुद्दों से जुड़ी हों किताबें तो अच्छा है मेरे हिसाब से.

खैर इस आधार पर मेरे हिसाब से राहुल को ये किताबें ज़रूर पढ़नी चाहिए.

1. पंचतंत्र की कहानियां- विष्णु शर्मा की लिखी हुई. पंचतंत्र जैसी किताबें आपको समझाती हैं कि भारत के लोगों से कैसे कनेक्ट बने.

अगर पार्टी का कनेक्ट नहीं है तो ये किताब उसमें मदद कर सकती है.

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2. जातक कथाएं- ये कथाएं बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के खुद्दक निकाय का हिस्सा हैं. इसके कई हिस्से हैं. कुछ बच्चों के लिए है.

कुछ सत्ता से जुड़ी कहानियां हैं जिसमें से बहुत कुछ सीखा जा सकता है कि आप राज काज कैसे चलाएं.

3. डिस्कवरी ऑफ इंडिया- जवाहर लाल नेहरू की किताब तो भारत के हर नागरिक को पढ़नी चाहिए क्योंकि विश्व इतिहास के बारे में ये एक बेहतरीन किताब है जो आपको दुनिया के बारे में एक सुंदर दृष्टिकोण देती है.

इससे ज़रूरी और कोई किताब हो नहीं सकती.

4. महात्मा- डी जी तेंदुलकर की किताब महात्मा आठ खंडों में है और राहुल गांधी को ये किताब तो अपने सिरहाने रखनी चाहिए और हमेशा इन किताबों को रेफरेंस के तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए.

गांधी आज भी प्रासंगिक हैं. लोग पढ़ते हैं और उनकी बातों पर अमल करते हैं.

5. धर्मशास्त्र का इतिहास- पांडुरंग वामण काणे - पांच खंड. भारतीय दर्शन में वेद, उपनिषद, ब्राहमण, अरण्य इतनी सारी चीज़ें हैं कि इन सबको पढ़कर आप आध्यात्मिक या दार्शनिक हो जाएंगे.

इससे बेहतर है कि आप धर्मशास्त्र का इतिहास पढ़ लें. तो समझ बेहतर होगी.

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6. द वंडर दैट वाज़ इंडिया- सैय्यद अतहर अब्बास रिज़वी . हालांकि इसी नाम से ए एल बॉशम की भी किताब है लेकिन रिज़वी की किताब भारतीय एंगल से लिखी गई है.

ये भारत का 1200 से 1700 तक का इतिहास है. ये किताब भी एक ज़रूरी किताब है.

रिज़वी की एक और किताब लैंडमार्क्स ऑफ साउथ एशियन सिविलाइज़ेशन भी अच्छी किताब है जो दक्षिण एशिया के इतिहास पर है.

7. कुरल- तमिल साहित्य की महान कृति कुरल तिरूवल्लुवर ने सेकेंड सेंचुरी बीसी में लिखी थी.

इसमें पहला अध्याय काम पर है तो राहुल अविवाहित हैं तो पढ़ ही सकते हैं लेकिन ज्यादा ज़रूरी है दूसरे और तीसरे हिस्से जो अर्थ और सत्ता पर हैं.

मूल रूप से जनता से कनेक्ट के लिए जातक और पंचतंत्र...फिर उसे भारतीय इतिहास और फिर विश्व इतिहास इस तरीके से राहुल पढ़ सकते हैं.

धर्मशास्त्र और नैतिक शिक्षाओं के लिए कुरल और धर्मशास्त्र वाली किताबें हैं ही.

(बीबीसी संवाददाता सुशील कुमार झा से बातचीत पर आधारित)

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English summary
'No Gita, Rahul Gandhi is required for these seven books'
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