एनपीआर के लिए किसी भी दस्तावेज को देने की जरूरत नहीं, सवाल का जवाब नहीं देने के लिए आप स्वतंत्र: अमित शाह
नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में सिलसिलेवार जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने विपक्ष के तमाम सवालों के जवाब दिए। अमित शाह ने कहा कि दिल्ली दंगों पर जवाब देते हुए कहा कि 36 घंटों के भीतर दंगों पर काबू पा लिया गया था। साथ ही शाह ने विपक्ष पर जमकर हमला बोलते हुए विपक्ष के तमाम नेताओं के बयान का जिक्र करते हुए उन्हें कटघरे में खड़ा किया। शाह ने कहा कि सीएए को लेकर लोगों के बीच भ्रम फैलाया गया और लोगों के बीच हेट स्पीच दी गई। अमित शाह ने कहा कि सीएए कानून में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है जिससे मुसलमानों की नागरिकता चली जाए। सीएए नागरिकता लेने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का कानून है। इसके अलावा एनपीआर को लेकर शाह ने तमाम भ्रम और सवालों का भी जवाब दिया।
किसी भी तरह की शंका नहीं रखें
अमित शाह ने एनपीआर पर तमाम भ्रम को साफ करते हुए विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एनपीआर के तहत जो लोग अपने बारे में जितनी जानकारी देना चाहते हैं उतनी देने के लिए वह स्वतंत्र हैं। सीएए, एनपीआर को लेकर किसी भी तरह की शंका ना रखें। गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली हिंसा में जो लोग मर गए हैं उनके परिवार की नुकसान की भरपाई मैं नहीं कर सकता है, लेकिन आप इतना भरोसा रखना एक भी दंगाई छूट ना पाए, किसी भी धर्म का, किसी भी जाति का इसका हम भरोसा देते हैं।
एनपीआर में 10 सवालों के जवाब देना जरूरी नहीं
अमित शाह ने कहा कि सीएए के किसी की भी नागरिकता लेने का कानून है ही नहीं, सीएए नागरिकता देने का कानून है। कपिल सिब्बल को जवाब देते हुए शाह ने कहा कि मैं कहता हूं कि सदन में बैठे हुए सारे विद्वान लोग हैं, सीएए कानून में मुझे कोई भी ऐसा प्रावधान बता दीजिए जिससे मुसलमानों की नागरिकता चली जाए। जिसपर सिब्बल ने कहा कि कोई नहीं कह रहा है कि सीएए किसी की नागरिकता छीनेगा। कानून ये कहता है कि जब एनपीआर होगा तो उसमे 10 सवाल और पूछे जाएंगे, जो राज्य सरकार का अध्यक्ष है वह यह पूछेगा और उसके बाद वह संदिग्ध (D) लगा देगा। यह मुसलमानों के प्रति ही नहीं, यह गरीबों के खिलाफ है।
मुसलमानों के खिलाफ नहीं
सिब्बल के सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के कई नेताओं ने यह बयान दिया है कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ है। मैंने खुद कहा है कि एनपीआर के तहत कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। अगर जानकारी नहीं है तो भी कोई दिक्कत नहीं, जितनी जानकारी आप देना चाहते हैं, उसे देने के लिए आप आजाद हैं। किसी को एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा। गुलाम नबी आजाद ने पूछा कि क्या एनपीआर अगर किसी सवाल का जवाब नहीं दिया जाता है तो क्या आप उस सवाल के आगे D यानि संदिग्ध नहीं लगाएंगे। जिसपर अमित शाह ने कहा कि नहीं लगेगा। यही नहीं अमित शाह ने गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा सहित तमाम नेताओं से कहा कि अगर आप फिर भी कोई सवाल जवाब करना चाहते हैं तो आप मेरे साथ चर्चा करने आ सकते हैं।
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