दर्दनाक! मां का शव ले जाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस, बाइक पर रखकर श्मशान घाट पहुंचा बेटा...देखें Video
श्रीकाकुलम, 27 अप्रैल। दुनिया में भारत कोरोना वायरस के सबसे बुरे प्रकोप का सामना कर रहा है, रोजाना सामने आ रहे तीन लाख नए केसों के चलते अस्पतालों में अब नए मरीजों के लिए जगह नहीं बची है। महामारी काल में हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन, एंबुलेंस और दवाई की कमी से जूझ रहे हैं तो वहीं, श्मशान घाट में शवों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
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पहले कभी नहीं देखी ऐसी भयावह स्थिति
डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने अपने पूरे करियर में ऐसी भयावह स्थिति पहले कभी नहीं देखी। अस्पतालों में कोरोना वायरस मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, इस बीच शवों को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए परिजनों को एंबुलेंस तक की सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम से सामने आया है।
आंध्र प्रदेश में पीड़ितों को नहीं मिल रही एंबुलेंस
यहां कोरोना संक्रमित महिला की मौत के बाद परिजनों को शव बाइक पर रखकर श्मशान घाट तक ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। परिजनों ने बताया कि कोविड-19 मामले और बढ़ती मौतों की वजह से अस्पताल अभिभूत हैं बहुत खोजने के बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल सकी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मृत महिला श्रीकाकुलम जिले के मंडसा मंडल गांव की रहने वाली थी, उसकी उम्र 50 वर्ष थी।
कोविड रिपोर्ट आने से पहले ही हुई मौत
कुछ दिन पहले ही उसमें कोरोना के लक्षण दिखाई दिए थे लेकिन टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले ही सोमवार को उसने दम तोड़ दिया। हालत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही महिला की मौत हो गई। बाइक पर शव को श्मशान घाट ले जाने से पहले महिला के परिजनों ने एंबुलेंस या किसी अन्य वाहन की व्यवस्था उम्मीद करते हुए अस्पताल के बाहर घंटो इंतजार किया।
शव को बाइक पर रखकर गांव पहुंचा बेटा
लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली और बेटे और दमाद को महिला का शव बाइक पर रखकर दाह संस्कार के लिए अपने गांव ले आए। गौरतलब है कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष महामारी की दूसरी लहर का भयानक प्रकोप देखने के मिल रहा है। कोरोना काल में आंध्र प्रदेश सरकार ने 1088 एम्बुलेंस और 104 मोबाइल चिकित्सा इकाइयों का एक बेड़े को भी हरी झंडी दी थी।
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