'नीतीश चाचा को हम अपने घर में भी नहीं आने देंगे'
लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा है कि वो 'नीतीश चाचा' को पटना में अपने घर में भी नहीं आने देंगे. 'द टाइम्स ऑफ़ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक तेज प्रताप ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 'नीतीश चाचा के लिए नो एंट्री का बोर्ड 10, सर्कुलर रोड बंगले के बाहर लगा दिया जाएगा.'
हाल के दिनों में आई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ गठबंधन में असहज महसूस कर रहे हैं
लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा है कि वो 'नीतीश चाचा' को पटना में अपने घर में भी नहीं आने देंगे. 'द टाइम्स ऑफ़ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक तेज प्रताप ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 'नीतीश चाचा के लिए नो एंट्री का बोर्ड 10, सर्कुलर रोड बंगले के बाहर लगा दिया जाएगा.'
हाल के दिनों में आई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ गठबंधन में असहज महसूस कर रहे हैं और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की सहयोगी कांग्रेस पार्टी उन्हें फिर से महागठबंधन में लेने के लिए सहमत भी है. लेकिन जब पत्रकारों ने इस बारे में तेज प्रताप यादव से सवाल किया तो उन्होंने कहा, "जब हम उन्हें अपने घर में भी प्रवेश नहीं करने देंगे तो उनका महागठबंधन में प्रवेश कैसे संभव है?" इससे पहले पूर्व उप-मुख्यमंत्री और तेज प्रतात के छोटे भाई तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि नीतीश के लिए महागठबंधन के रास्ते बंद हो चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति का ब्योरा
इंडियन एक्सप्रेसके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के 23 जजों में से सिर्फ़ 12 जजों ने ही अपनी संपत्तियों का ब्योरा सार्वजनिक किया है. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी जानकारी के मुताबिक संपत्तियों का ब्योरा देने वाले सभी जजों के पास अपनी ज़मीन है. जबकि दो शीर्ष जजों के पास अपनी कार तक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 44 पूर्व जजों की संपत्तियों का भी ब्योरा है.
संपत्ति का ब्योरा देने वाले जजों में चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्र और कॉलेजियम में शामिल अन्य चार जज भी हैं. मुख्य न्यायाधीश के बाद सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई ने गुवाहाटी में 65 लाख रुपए की ज़मीन बेचने का ब्योरा दिया है. 1997 में जारी एक फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी जजों के लिए अपनी, जीवनसाथी और निर्भर लोगों की संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य किया था.
500 रुपए रोज़ाना पर काम कर रहे थे भीड़ के हाथों मारे गए सुकांता
त्रिपुरा में बच्चा चोरी के शक़ में भीड़ के हाथों मारे गए सुकांता चक्रवर्ती पांच सौ रुपए रोज़ाना पर सरकार के लिए काम कर रहे थे. 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक सुकांता चक्रवर्ती ग्रामीण इलाक़ों में अफ़वाहों के ख़िलाफ़ लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे थे. 28 जून को भीड़ ने उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. अफ़वाहों के ख़िलाफ़ लाउडस्पीकर के ज़रिए लोगों को जागरूक कर रहे 33 वर्षीय सुकांता और उनके दल को कालाछर्रा इलाक़े में कुछ युवाओं ने रोका था और कहा था कि वो ज़मीनी हक़ीक़त से वाकिफ़ नहीं हैं. पुलिस के मुताबिक सुकांता की हत्या के मामले में चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
गाड़ी के लिए रास्ता न देने पर मंत्री के बेटे ने पीटा
राजस्थान के बांसवाड़ा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के एक राज्य मंत्री के बेटे के अपनी कार को रास्ता न देने पर एक व्यक्ति की पिटाई करने का वीडियो सामने आया है. 'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना एक जून की है, लेकिन वीडियो शनिवार को सार्वजनिक हुआ है. वीडियो में पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री धन सिंह रावत के बेटे राजा एक स्विफ़्ट कार का रास्ता रोककर अपनी एसयूवी कार से बाहर निकलकर मारपीट करते दिख रहे हैं. राजा के साथ मौजूद अन्य लोगों ने भी स्विफ़्ट कार में सवार व्यक्ति की पिटाई की. हालांकि इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.