मनमोहन सरकार के कार्यकाल के दौरान GDP के आंकड़ों को नीति आयोग ने घटाया
नई दिल्ली। नीति आयोग ने बुधवार को डीजीपी के आंकड़ों को संशोधित किया है, जिसको लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। नीति आयोग ने यूपी सरकार के कार्यकाल में जीडीपी के आंकड़ों में संशोधन करते हुए इसे 10.3 से घटाकर 8.5 कर दिया है। जीडीपी का यह आंकड़ा वर्ष 2011 का है, जिसे नीति आयोग ने घटाया है। बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े के अनुसार 2005-06 और 2011-12 के आंकड़ों को संशोधित किया गया है। दरअसल जीडीपी का यह आंकड़ा पुराने तरीके से निकाला गया था।
संशोधित हुए आंकड़े
सेंट्रल स्टैटिस्टिक ऑफ ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नए मूल्यांकन के अनुसार यूपी सरकार के दौरान अधिकतक विकास दर 2010-11 में हासिल की गई थी, जबकि उस दौरान जीडीपी 8.5 फीसदी थी। इस वर्ष विकास दर इससे पहले 10.3 फीसदी थी। मूल्यांकन के नए तरीके के बारे में जानकारी देते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि नए आंकड़े वृहद प्रक्रिया के बाद जारी किए गए हैं, जिसे नई प्रणाली के आधार पर तैयार किया गया है।
2015 में तैयार की गई थी नई प्रणाली
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में जीडीपी के मूल्यांकन की नई प्रणाली तैयार की थी, जिसके अनुसार आधार वर्ष 2011-12 रखा गया था, जोकि इससे पहले 2004-05 था। नई श्रंखला जारी करने के बाद पुराने आंकड़ों में फेरबदल किया गया है। लेकिन जिस तरह से 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जीडीपी के आंकड़े में फेरबदल किया गया है उसकी वजह से नया विवाद खड़ा हो गया है।
घटाई गई दर
इसके अलावा 2005-06 में विकास दर को 9.3 से घटाकर 7.9 कर दिया गया है, जबकि 2006-07 के विकास दर को 8.1 से घटाकर 7.7 कर दिया गया है। साथ ही वर्ष 2007-08 की विकास दर 9.8 कर दी गई है। नए आंकड़ों को सीएसओ के प्रवीण श्रीवास्तव, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने साझा प्रेस कॉफ्रेंस में जारी किया था।