निर्भया मामले के दोषी पवन गुप्ता ने SC में दायर की पुनर्विचार याचिका
नई दिल्ली। दिल्ली के निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। पवन गुप्ता ने यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले के खिलाफ दायर की है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पहले पवन गुप्ता की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमे उसने कहा था कि वह अपराध के वक्त नाबालिग था। कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में यह पुनर्विचार याचिका दायर की है। बता दें कि निर्भया मामले के सभी चार दोषियों को 1 फरवरी को फांसी की सजा दी जानी है। लेकिन माना जा रहा है कि दोषियों के तमाम कानूनी दांवपेंच के बीच फांसी की तारीफ टल सकती है।
उम्र
को
लेकर
याचिका
हो
चुकी
है
खारिज
गौरतलब
है
कि
पवन
गुप्ता
ने
दावा
किया
था
कि
अपराध
के
वक्त
वह
नाबालिग
था।
यही
नहीं
पवन
के
वकील
एपी
सिंह
ने
कहा
था
कि
यह
मामला
बहुत
बड़ी
साजिश
है।
जबकि
दिल्ली
पुलिस
का
कहना
है
कि
पवन
ने
अपनी
उम्र
से
जुड़ी
जानकारी
के
दस्तावेजों
को
जानबूझकर
छिपाया
था।
जिस
वक्त
निर्भया
कांड
हुआ
था
उस
वक्त
पवन
की
उम्र
17
वर्ष
1
महीने
और
20
दिन
थी।
बता
दें
कि
पवन
के
पास
अभी
भी
क्यूरेटिव
पिटीशन
और
दया
याचिका
का
विकल्प
मौजूद
है।
फांसी
की
सजा
टलवाने
के
लिए
याचिका
बता
दें
कि
निर्भया
मामले
के
दोषियों
की
ओर
से
दायर
याचिका
पर
आज
दिल्ली
के
पटियाला
हाई
कोर्ट
में
अहम
सुनवाई
होगी।
दोषियों
के
वकील
एपी
सिंह
ने
कोर्ट
में
याचिका
दायर
करके
फांसी
की
सजा
की
तारीख
को
टालने
की
गुजारिश
की
है।
दोषियों
की
इस
याचिका
पर
आज
कोर्ट
में
सुनवाई
होगी।
बता
दें
कि
सभी
दोषियों
को
1
फरवरी
को
फांसी
की
सजा
होनी
है,
लेकिन
जिस
तरह
से
सभी
दोषी
एक-एक
करके
कानूनी
हथकंडे
अपना
रहे
हैं,
उसकी
वजह
से
1
फरवरी
को
फांसी
हो
पाना
संभव
नहीं
है।
इस
वजह
से
टल
सकती
है
फांसी
गौरतलब
है
कि
एक
ही
सजा
के
लिए
सभी
दोषियों
को
एक
साथ
फांसी
की
सजा
का
प्रावधान
है।
जेल
के
नियमों
के
अनुसार
दोषियों
को
फांसी
की
सजा
के
14
दिन
पहले
यह
बताना
जरूरी
होता
है
उनकी
फांसी
किस
दिन
होगी।
जिससे
कि
दोषी
अपने
काम
निपटा
सके,
जिसमे
उनकी
संपत्ति
का
निपटारा
समेत
अन्य
काम
शामिल
होते
हैं।
जेल
के
इसी
नियम
का
हवाला
देते
हुए
दोषियों
के
वकील
ने
कोर्ट
में
यह
याचिका
दायर
की
है
कि
दोषियों
की
फांसी
की
सजा
की
तारीख
को
टाल
दिया
जाए।