ISRO की तस्वीर के बाद NDMA ने एजेंसियों को जोशीमठ संकट पर जानकारी देने पर लगाई रोक, मीडिया से भी न करें बात
एनडीएमए ने शुक्रवार को अपने ज्ञापन में कहा कि विभिन्न सरकारी संस्थान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इससे संबंधित डेटा जारी कर रहे हैं और साथ ही वे स्थिति की अपनी व्याख्या के साथ मीडिया के साथ बातचीत कर रहे हैं।
NDMA Joshimath crisis: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शनिवार को जोशीमठ भूमि धंसाव को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने इसमें लगे बचाव और राहत कार्य के साथ-साथ जोशीमठ भूमि धंसने की घटना के कारणों और प्रभावों का अध्ययन करने वाले सभी सरकारी संस्थानों को "एकीकृत" अंतिम रिपोर्ट तक अपने निष्कर्षों से संबंधित किसी भी विवरण को साझा करने से परहेज करने के लिए कहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड का जोशीमठ सिर्फ 12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर डूब गया।
जोशीमठ की स्थिति का अध्ययन करने के लिए केंद्र ने एनडीएमए, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की एक टीम पहले ही बना ली है।
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एनडीएमए ने शुक्रवार को अपने ज्ञापन में कहा कि विभिन्न सरकारी संस्थान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इससे संबंधित डेटा जारी कर रहे हैं और साथ ही वे स्थिति की अपनी व्याख्या के साथ मीडिया के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
एनडीएमए ने संबंधित विभागों से सोशल मीडिया पर विवरण साझा करने या मीडिया के साथ बातचीत करने से बचने को कहा है। एनडीएमए ने अपने पत्र में कहा है कि आपसे अनुरोध है कि इस मामले के बारे में अपने संगठन को संवेदनशील बनाएं और विशेषज्ञ समूह की अंतिम रिपोर्ट एनडीएमए द्वारा जारी किए जाने तक मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ भी पोस्ट करने से बचें।
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