भारत के पहले रेल विश्वविद्यालय का सपना हुआ साकार, यहां जानें सब कुछ
नई दिल्ली। कैबिनेट ने भारतीय रेलवे के लिए पहली बार राष्ट्रीय रेल और परिवहन विश्वविद्यालय (एनआरटीयू) की स्थापना को मंजूरी दी गई है। यह प्रतिष्ठित संस्थान गुजरात स्थित वडोदरा, में स्थापित किया जाएगा और रेलवे मंत्रालय के मुताबिक विश्वविद्यालय मानव संसाधन कौशल और भारतीय रेल की क्षमता का निर्माण करेगा। मंत्रालय ने कहा, 'भारत का पहला राष्ट्रीय रेल और परिवहन विश्वविद्यालय नई रेलवे के लिए भारतीय रेलवे और परिवहन क्षेत्र को बदलने के लिए है।' रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया का दृष्टिकोण के जरिए सरकार वडोदरा, गुजरात में पहली राष्ट्रीय रेल और परिवहन विश्वविद्यालय स्थापित कर रही है।'
पीयूष गोयल ने कहा
गोयल ने यह भी कहा कि रेल विश्वविद्यालय उद्यमिता को बढ़ावा देगा और बड़े रोजगार के अवसर पैदा करेगा। प्रधानमंत्री खुद विश्वविद्यालय और उसके विकास में गहरी रुचि ले रहे हैं।
2018 में पहला बैच
कैबिनेट की मंजूरी तीन साल के फैसले के बाद हुआ। अब जून 2018 में छात्रों का पहला बैच आएगा। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय रोजगार पैदा करेगा और उत्पादकता में भी सुधार करेगा। इसका उद्देश्य युवाओं के लिए लाभकारी रोजगार उपलब्ध कराना है।
बनाई जाएगी कंपनी
रेलवे मंत्रालय ने कहा है कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत गैर-लाभकारी कंपनी का निर्माण रेलवे मंत्रालय द्वारा किया जाएगा जो प्रस्तावित विश्वविद्यालय की प्रबंध कंपनी होगी। वडोदरा में नेशनल एकेडमी ऑफ इंडियन रेलवे में मौजूदा भूमि और आधारभूत संरचना का उपयोग किया जाएगा, और विश्वविद्यालय के प्रयोजन के लिए उपयुक्त रूप से संशोधित और आधुनिकीकरण किया जाएगा।
3,000 छात्र आ सकते हैं
सरकार ने आगे कहा कि सरकार को 3,000 पूर्णकालिक छात्रों की उम्मीद है। नए विश्वविद्यालय / संस्थान का वित्त पूरी तरह से मंत्रालय से आना है। बताया गया कि विश्वविद्यालय की योजना है कि नवीनतम अध्यापन और प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों जैसे सैटेलाइट आधारित ट्रैकिंग, रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान और कृत्रिम बुद्धि का उपयोग करने की नौकरी प्रदर्शन और उत्पादकता में सुधार हो।