महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद उमर अब्दुल्ला की फिर से चुनाव की मांग
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नई दिल्ली। मंगलवार को जम्मू कश्मीर की राजनीतिक घटनाक्रम में तेजी से बदलाव हुआ है। राज्य सरकार से भाजपा के हटने के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी आनन-फानन में पार्टी की बैठक की है। बैठक के बाद पार्टी के नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के राज्यपाल नरेंद्र नाथ वोहरा से मिलने पहुंचे हैं। इस बीच अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा है कि जो होना था, वही हुआ है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यपाल से उन्होंने कहा कि राज्य में किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं हैै, इसलिए नये सिरे से चुनाव हो। उन्होंने कहा कि उन्हें जनता ने जनादेश नहीं दिया, ऐसे में उनका सरकार में शामिल होने जैसा कुछ है ही नहीं।
जम्मू कश्मीर की सीएम ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है। भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके बाद मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया। जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी बीते साढ़े तीन साल से साथ में सरकार में थे। मंगलवार दोपहर को भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर जम्मू कश्मीर सरकार से हटने का ऐलान किया है।
मंगलवार दोपहर को भाजपा के महासचिव राम माधव ने बताया है कि भाजपा ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया है और उसके सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। माधव ने इसके पीछे महबूबा मुफ्ती को जिम्मेदार कहा है। उन्होंने कहा कि जिस मकसद से उन्होंने पीडीपी के साथ सरकार बनाई थी, उसमें कामयाबी ना मिलने पर सरकार से समर्थन वापस ले लिया गया।
राम माधव ने कहा कि केंद्र ने लगातार राज्य सरकार को समर्थन दिया, 80 हजार करोड़ का पैकेज भी दिया, लेकिन राज्य सरकार ने हालात को संभाला नहीं। माधव ने कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कश्मीर घाटी में परिस्थितियों को संभाल नहीं पाई, सरकार लगातार फेल रही। सरकार ने काम नहीं किया। ऐसे में तीन साल की सरकार चलाने के बाद भाजपा ने पीडीपी से अलग होने का फैसला किया है
जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दिया