नया मंत्रिमंडल: फिर गणित फेल, केमिस्ट्री ने किया खेल!
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल ने शपथ ले ली है। सभी के विभागों की घोषणा हो चुकी है। इलेक्शन, रिएक्शन के बाद अब एक्शन का समय है। जिस तरह चुनाव परिणामों को लेकर बड़े बड़े विश्लेषकों का गणित फेल हो गया था उसी तरह नरेन्द्र मोदी मत्रिमंडल के सदस्यों के चुनाव और उनके मंत्रालय को लेकर लगाईं गई अटकलें फेल हो गई हैं। घंटों टीवी चनलों पर बैठ कर घंटों ज्ञान बघारने और तू-तू, मैं-मैं करने वाले राजनीतिक विश्लेषक और ज्ञानी बगलें झांक रहे हैं। उनसब को अब यह सवाल परेशान कर रहा है कि ये सब हुआ तो कैसे हुआ? इसको समझने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उस टिप्पणी को समझना होगा जो उन्होंने जीत के बाद वाराणसी जाकर की थी।
जो सोचा वह न हो सका
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंत्रिमंडल के आकार और सदस्यों के प्रकार को लेकर चल रही अटकलों पर तंज भी किया था कि इस समय देश में कई नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल का आकार तय कर रहे हैं। शुक्रवार की सुबह तक देश के वित्तमंत्री को लेकर कयास जारी थे लेकिन कोई अमित शाह को वित्त मंत्री बना रहा था कोई पीयूष गोयल को। लेकिन जब विभागों की घोषणा हुई थी तो निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय की कमान सौंप दी गई। दूसरा चौंकाने वाला फैसला पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को कैबिनेट मंत्री बनाया जाना। एस जयशंकर इस समय किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। सुषमा स्वराज ने चुनाव नहीं लड़ा था लेकिन कयास लग रहे थे कि सम्भवतः उन्हें राज्यसभा भेज कर एक बार पुनः विदेश मंत्री की कमान सौपी जा सकती है। लेकिन यह भी न हो सका।
पोखरियाल के ओहदे ने चौंकाया
उत्तराखंड में शानदार प्रदर्शन के बाद रमेश पोखरियाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला तो हाशिये पर चल रहे पोखरियाल ने सब का ध्यान खींचा लेकिन जब उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की कमान सौंपी गई तो सारे राजनीतीक पंडित चौंके। दूसरी तरफ लगातार सुर्ख़ियों में चल रही स्मृति ईरानी को लेकर भी अटकलें फेल हो गईं। ऐसा समझा जा रहा था की स्मृति ईरानी को इस बार कोई अहम् मंत्रालय मिलेगा क्योंकि उन्होंने अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को हराया था। लेकिन उनको पहले की तरह कपडा मंत्रालय दिया गया। हाँ साथ में महिला और बाल विकास मंत्रालय की कमान दी गई। यानी कद तो बढा लेकिन उतना नहीं जितना की अपेक्षित था।
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न जेडीयू को मिला हिस्सा न अपना दल को प्रमोशन
एक और महत्वपूर्ण बात एनडीए के महत्वपूर्ण घटक जेडीयू का सरकार में शामिल न होना है। उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी एनडीए का प्रदर्शन शानदार रहा और नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि उनके जेडीयू को सीटों की संख्या के अनुसार प्रतिनिधित्व मिलेगा। लेकिन फिलहाल यह हो न सका। जेडीयू को एक कैबिनेट मंत्री का पद ऑफर किया गया। फिलहाल इसे सांकेतिक भागीदारी बता कर नाराज नीतीश ने सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में बीजेपी का सहयोगी दल अपना दल सरकार में शामिल नहीं है। अपना दल की अनुप्रिया पटेल, जो पिछली सरकार में राज्यमंत्री थीं, इस बार कैबिनेट मंत्री पद चाहती थीं। लेकिन फिलहाल यह भी न हो सका। हालांकि ऐसा माना जा रहा है की घटक दलों की नाराजगी शीघ्र दूर कर ली जाएगी और मंत्रिमंडल विस्त्तर शीघ्र ही किया जायेगा।
जब गणित पर केमेस्ट्री भारी
एक बात राजनीति के प्रकांड पंडित, ज्ञानी और विश्लेषण के भौकालियों को समझ नहीं आरही कि इसके पीछे किसका दिमाग है और यह किस फार्मूले से हुआ। जीत के बाद नरेन्द्र मोदी बनारस गये। काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने बताया कि यह सब फैसले चौकाने वाले नहीं है। दरअसल इस बार चुनाव में राजनीतिक विश्लेषक फेल हुए। नरेन्द्र मोदी का कहना है कि आमतौर पर चुनाव परिणाम में गणित का फार्मूला लागू होता है। लेकिन अक्सर यह फार्मूला फेल हो जाता है जब गणित पर केमेस्ट्री भारी पड़ जाती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कुछ हद तक यह फार्मूला लागू हुआ, फिर 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में और अब फिर 2019 में केमेस्ट्री ने गणित को पूरी तरह फिसड्डी साबित कर दिया। देश के राजनीतिक विश्लेषकों को समझना होगा कि अंक गणित के ऊपर केमिस्ट्री होती है। नरेन्द्र मोदी ने तंज किया की अब बीसवीं सदी के फार्मूले पुराने पड चुके हैं। अब जाति-धर्म का अंक गणित नहीं काम करता। नेताओं को समझना होगा कि अब सामजिक समरसता और सबको साथ लेकर आगे बढ़ने का समय है। तीन-तीन चुनावों के बाद भी राजनीति के पंडित नहीं समझे, तो इसका यही मतलब है कि उनकी सोच बीसवीं सदी वाली है जो अब किसी काम की नहीं है।
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प्रधानमंत्री मोदी का मंत्रिमंडल
- 1 राजनाथ सिंह- रक्षा मंत्रालय
- 2 अमित शाह -गृह मंत्रालय
- 3 नितिन गडकरी- सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय
- 4 डीवी सदानंद गौड़ा- रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
- 5 निर्मला सीतारमण- वित्त मंत्रालय तथा कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
- 6 रामविलास पासवान- उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति
- 7 नरेंद्र सिंह तोमर- कृषि एवं कृषक कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज मंत्रालय
- 8 रविशंकर प्रसाद- कानून एवं न्याय, संचार, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना तकनीकी
- 9 हरसिमरत कौर- बादल खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
- 10 थावरचंद गहलोत- सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय
- 11 एस जयशंकर- विदेश मंत्रालय
- 12 रमेश पोखरियाल- निशंक मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय
- 13 अर्जुन मुंडा- आदिवासी मामलों का मंत्रालय
- 14 स्मृति ईरानी- महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्रालय
- 15 हर्षवर्धन- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं तकनीक, पृथ्वी विज्ञान
- 16 प्रकाश जावड़ेकर- पर्यावरण, जलवायु, वन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय
- 17 पीयूष गोयल- रेलवे तथा वाणिज्य उद्योग
- 18 धर्मेंद्र प्रधान- पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, इस्पात
- 19 मुख्तार अब्बास नकवी- अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय
- 20 प्रहलाद जोशी- संसदीय कार्य, कोयला तथा खदान मामले
- 21 महेंद्रनाथ पांडेय- कौशल विकास एवं उद्यमिता
- 22 अरविंद सावंत- भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय
- 23 गिरिराज सिंह- पशु संवर्धन, डेयरी एवं मत्स्य विभाग मंत्रालय
- 24 गजेंद्र सिंह शेखावत- जल शक्ति मंत्रालय
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- राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
- 1 संतोष गंगवार- श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
- 2 राव इंद्रजीत सिंह- सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन, योजना मंत्रालय
- 3 श्रीपद नाइक- आयुष एवं रक्षा राज्य मंत्रालय
- 4 जीतेंद्र सिंह- पूर्वोत्तर विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष मंत्रालय
- 5 किरेन रिजिजू- खेल एवं युवा कल्याण, अल्पसंख्यक मामले
- 6 प्रहलाद पटेल- संस्कृति तथा पर्यटन मंत्रालय
- 7 राजकुमार सिंह- ऊर्जा, अक्षय ऊर्जा, कौशल विकास एवं उद्यमिता
- 8 हरदीप पुरी- आवास एवं शहरी विकास, नागरिक उद्यन, वाणिज्य एवं उद्योग
- 9 मनसुख मांडविया- जहाजरानी, रसायन एवं उवर्रक
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- राज्य मंत्री-
- 1 फग्गन सिंह कुलस्ते- इस्पात मंत्रालय
- 2 अश्विनी चौबे- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
- 3 अर्जुन राम मेघवाल- संसदीय कार्य, भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय
- 4 वीके सिंह- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
- 5 कृष्णपाल गुर्जर- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
- 6 रावसाहेब दानवे- उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली
- 7 जी किशनरेड्डी- गृह राज्य मंत्रालय
- 8 पुरुषोत्तम रुपाला- कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय
- 9 रामदास आठवले- सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय
- 10 साध्वी निरंजन ज्योति- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- 11 बाबुल सुप्रियो- पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय
- 12 संजीव बालियान- पशु संवर्धन, डेयरी एवं मत्स्य मंत्रालय
- 13 संजय धोत्रे- मानव संसाधन विकास, संचार, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
- 14 अनुराग ठाकुर- वित्त, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
- 15 सुरेश अंगड़ी- रेल मंत्रालय
- 16 नित्यानंद राय- गृह मंत्रालय
- 17 रतन लाल कटारिया- जल शक्ति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
- 18 वी मुरलीधरन- विदेश मामले, संसदीय कार्य मंत्रालय
- 19 रेणुका सिंह सरुता- आदिवासी मामलों का मंत्रालय
- 20 सोम प्रकाश -वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
- 21 रामेश्वर तेली- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
- 22 प्रताप चंद्र सारंगी- एमएसएमई, पशु संवर्धन डेयरी एवं मत्स्य मंत्रालय
- 23 कैलाश चौधरी- कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय
- 24 देबश्री चौधरी- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय