तब तो अटल से अच्छे पीएम साबित होंगे मोदी! जानिए कैसे
मगर इस बीच देश में जो चर्चा है वो ये है कि नरेन्द्र मोदी तो अटल बिहारी वाजपेयी से भी आगे निकल गये हैं। नरेन्द्र मोदी ने गुड गवर्नेंस का ऐसा खाका तैयार किया है जिससे जानने के बाद इन चर्चाओं पर सत्यता का मुहर जरुर लगेगा। सबसे पहले तो नरेन्द्र मोदी ने मंत्रीमंडल को छोटा करके ये साबित कर दिया है कि उनका मेन फोकस विकास पर है। आपको बताते चले कि नरेन्द्र मोदी के मंत्रीमंडल में कुल 45 मंत्री होंगे। जिनमें 24 कैबिनेट मत्री, 11 राज्य मंत्री और 10 स्वतंत्र प्रभार मंत्री होंगे।
वहीं
नरेन्द्र
मोदी
ने
एक
कुशल
टीम
लीडर
की
तरह
फैसला
लिया
है।
मोदी
ने
साफ
तौर
पर
कह
दिया
है
कि
उनके
मंत्रीमंडल
में
75
साल
से
उपर
का
कोई
नेता
कैबिनेट
में
नहीं
आएगा।
यानी
कि
पार्टी
के
वरिष्ठ
नेता
लाल
कृष्ण
आडवाणी
और
मुरली
मनोहर
जोशी
को
कैबिनेट
से
अलग
कर
दिया
गया।
आपको
बता
दें
कि
अटल
बिहारी
वाजपेयी
जब
प्रधानमंत्री
बने
थे
तो
उन्होंने
लालकृष्ण
आडवाणी
के
लिए
एक
अलग
पद
(उप-प्रधानमंत्री)
बना
दिया
था।
अटल बिहारी वाजपेयी शांत स्वभाव के थे जबकि नरेन्द्र मोदी ईंट का जवाब पत्थर से देने वाले नेता हैं। नरेन्द्र मोदी ने नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाकर शिवसेना को करारा जवाब दिया है। हालांकि शिवसेना भाजपा का सहयोगी दल है मगर नरेन्द्र मोदी ने ये साबित कर दिया है कि वो प्रचंड जनादेश लेकर सत्ता में आए हैं। वहीं श्रीलंका के राष्ट्रपति को शपथ समारोह में बुलाकर नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को भी करारा जवाब दिया है।