Muzaffarnagar riots: संगीत सोम, सुरेश राणा सहित इन बीजेपी नेताओं के खिलाफ केस वापस लेगी योगी सरकार
नई दिल्ली। Muzaffarnagar riots: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के नगला मंदोर गांव में आयोजित एक महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में तीन विधायकों सहित भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने के लिए याचिका दायर की है। आरोपियों में बीजेपी विधायक संगीत सोम (Sangeet Som), सुरेश राणा (Suresh Rana), कपिल देव (Kapil Dev) के अलावा हिंदूवादी भाजपा नेता साध्वी प्राची (Sadhvi Prachi) का भी नाम शामिल है। बता दें कि इस सभी के खिलाफ शिखेड़ा थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज कराई गई थी।
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इन नेताओं के खिलाफ भड़काऊं भाषण देने के अलावा सरकार, प्रशासन से भिड़ने और ऐहतियाती निर्देशों का पालन न करने का आरोप भी है। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरनगर गवर्नमेंट काउंसिल के राजीव शर्मा ने बताया कि सभी बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने के लिए राज्य सरकार ने कोर्ट में याचिका दी है, हालांकि इसपर सुनवाई अभी बाकी है। बता दें कि संगीत सोम मेरठ के सरधना से बीजेपी के विधायक है, सुरेश राणा ने शामली से विधायकी जीती थी वहीं, मुजफ्फरनगर सदर से कपिल देव बीजेपी के विधायक हैं।
क्या
है
मामाल?
आपको
बता
दें
कि
27
अगस्त,
2013
को
कवाल
गांव
के
निवासी
दो
युवाओं
की
दर्दनाक
हत्या
कर
दी
गई
थी।
इस
मामले
में
पहले
एक
मुस्लिम
युवक
शहनवाज
कुरैशी
की
हत्या
की
गई
उसके
बाद
भीड़
ने
सचिन
और
गौरव
नाम
के
दो
लोगों
को
पीट-पीटकर
मौत
के
घाट
उतार
दिया।
इसक
कुछ
दिन
बाद
ही
7
सितंबर,
2013
को
नगला
मंदोर
गांव
के
इंटर
कॉलेज
में
जाट
समुदायों
द्वारा
महापंचायत
बुलाई
गई
थी।
इस
बीच
महापंचायत
से
लौट
रहे
लोगों
पर
भी
हमला
कर
दिया
गया
जिसके
बाद
इलाके
में
दंगे
भड़क
गए।
इन
दंगों
में
करीब
65
लोगों
ने
अपनी
जानें
गंवाई
और
40
हजार
लोग
बेघर
हुए।
इस
मामले
में
510
आरोपियों
के
खिलाफ
केस
दर्ज
हुए
थे।
175
आरोपियों
के
खिलाफ
चार्जशीट
भी
फाइल
हो
चुकी
है।
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