
मुकेश अंबानी के बच्चों को स्कूल के दिनों में मिलती थी इतनी जेब खर्ची, मां नीता अंबानी रखती थीं सारा हिसाब
मुंबई। किसी अमीर घर में पैदा होना कौन नहीं चाहता, अगर बात एशिया के सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर हो तो हर कोई चाहेगा कि अगला जन्म 'एंटीलिया' में हो। हालांकि ऐसा होना ना के बराबर है लेकिन क्या आपने सोचा है, बिजनेस टायकून मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के बच्चों (ईशा, अनंत और आकाश) का बचपन कैसा बीता होगा। ज्यादातर लोगों का जवाब होगा ऐशोआराम से, लेकिन यह सच नहीं है।

आम बच्चों जैसा हुआ है अंबानी बच्चों का पालन
आज हम आपको अंबानी बच्चों यानी ईशा, अनंत और आकाश के स्कूल दिनों की कुछ मजेदार बातें बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। खरबपति माता-पिता होने के बावजूद स्कूल जाते टाइम ईशा, अनंत और आकाश को उतनी ही जेबखर्ची मिलती थी जितना एक आम आदमी अपने बच्चों को देता है। आईपीएल और कई बड़े समारोह में दिखने वाली कॉरपोरट इंडिया की फर्स्ट लेडी नीता अंबानी अपने बच्चों को अमीरी में नहीं बड़ा करना चाहती थी।

नीता अंबानी बच्चों को देती थीं सिर्फ इतने रुपए
इसलिए उन्होंने बच्चों की जेबखर्च को कभी इतना बढ़ाकर नहीं दिया कि वह पैसों की अहमियत करना ही भूल जाएं। नीता अंबानी ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह स्कूल जाते टाइम बच्चों को सिर्फ पांच रुपए जेब खर्च दिया करती थीं। जी हां, आपको जरूर हैरानी हो रही होगी लेकिन यह सच है। देश का सबसे रईस परिवार होने के बावजूद मुकेश और नीता अंबानी ने अपने बच्चों को मिडिल क्लास वेल्यूज के साथ पाला है। एक घटना को याद करते हुए नीता अंबानी ने मजेदार किस्सा शेयर किया।

अनंत अंबानी ने की थी 10 रुपए की मांग
उन्होंने बताया, 'जब बच्चे छोटे थे तो मैं उन्हें सप्ताह में एक दिन (शुक्रवार) पांच रुपए दिया करती थी ताकि वह स्कूल की कैंटीन में खर्च कर सकें। एक दिन छोटा बेटा अनंत मेरे पास दौड़कर आया और 10 रुपए की मांग करने लगा। जब मैंने उससे पूछा कि क्यों चाहिए तो उसने कहा कि जब वह पांच रुपए का सिक्का अपने दोस्तों को दिखाता है तो वह उसका मजाक उड़ाते हैं। उसके दोस्त कहते थे तू अंबानी है या भिखारी।' अनंत की यह बात सुनकर मुकेश अंबानी और नीता अंबानी को हंसी आ गई।

नीता अंबानी को नहीं मिलती थी पॉकेट मनी
नीता अंबानी ने बताया कि मुकेश अंबानी से शादी से पहले उनकी ख्वाहिश टीचर बनने की थी। हालांकि शादी के बाद उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारी को संभाला और उसी में व्यस्त हो गईं। नीता अंबानी बताती हैं कि उनकी मां भी अनुशासन को लेकर बहुत सख्त थीं। इस वजह से उन्हें एक साल में सिर्फ चार बार ही बाहर जाने की इजाजत थी। नीता अंबानी को तो अपने बचपन में पॉकेट मनी भी नहीं मिलती थी।
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