क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सर्वे: 35 प्रतिशत ने माना मोदी ने राफेल डील में रिलायंस को फायदा पहुंचाया

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। भारत और फ्रांस सरकार के बीच राफेल लड़ाकू विमान खरीद को लेकर हुई डील के बारे में 'इंडिया टुडे मूड ऑफ द नेशन' में अलग-अलग प्रकार की राय निकलकर सामने आई है। जनवरी 2019 में किए गए सर्वे के मुताबिक, 32 प्रतिशत लोगों ने यह माना कि राफेल खरीद में किसी प्रकार का भ्रष्‍टाचार नहीं हुआ। वहीं, 30 प्रतिशत को ऐसा लगता है कि राफेल डील में भ्रष्‍टाचार हुआ है।

दक्षिण में ज्‍यादातर लोगों को लगता है- राफेल डील में करप्‍शन हुआ

दक्षिण में ज्‍यादातर लोगों को लगता है- राफेल डील में करप्‍शन हुआ

सर्वे में एक चौंकाने वाला आंकड़ा ऐसा भी सामने आया है, जिसमें दक्षिण और उत्‍तर भारत के लोगों की राय एक-दूसरे के उलट सामने नजर आ रही है। सर्वे में जो लोग ऐसा मानते हैं कि राफेल डील में करप्‍शन हुआ, उनमें दक्षिण भारत के लोगों की संख्‍या ज्‍यादा है। साउथ के करीब 40 प्रतिशत लोग ऐसा मानते हैं कि राफेल में भ्रष्‍टाचार हुआ, जबकि उत्‍तर भारत में केवल 27 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, भ्रष्‍टाचार की बात पर यकीन करते हैं।

35 प्रतिशत की नजर में मोदी ने राफेल डील में रिलायंस को लाभ पहुंचाया

35 प्रतिशत की नजर में मोदी ने राफेल डील में रिलायंस को लाभ पहुंचाया

'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे में 34 प्रतिशत लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वे ऐसा नहीं मानते हैं कि नरेंद्र मोदी रिलांयस को राफेल डील में लाभ पहुंचाया, जबकि 35 प्रतिशत लोग ऐसे भी सामने आए, जो यह मानते हैं कि नरेंद्र मोदी ने रिलायंस को राफेल डील में फायदा पहुंचाया। यहां भी दक्षिण भारत में अलग प्रतिक्रिया सामने आई। साउथ में 46 प्रतिशत लोगों ने ऐसा माना कि नरेंद्र मोदी ने रिलायंस को फायदा पहुंचाया।

क्‍या है राफेल डील का यूपीए वर्जन

क्‍या है राफेल डील का यूपीए वर्जन

राफेल डील से जुड़ी दो सरकारों के दो अलग-अलग वर्जन हैं। पहली डील यूपीए के समय में हुई, लेकिन वह अंतिम रूप तक नहीं पहुंच पाई। इस डील के तहत 126 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद की बात हुई थी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में यूपीए कार्यकाल में डील के बारे में दावा किया कि उस समय केवल 18 लड़ाकू विमान खरीदे जाने थे, बाकी हिंदुस्‍तान एरोनॉटिक्‍स को फ्रांस की मदद से भारत में तैयार करने थे। उन्‍होंने दावा यह भी किया कि यूपीए की डील केवल फ्लाई-वे कंडीशन के राफेल विमानों की हुई थी। मतलब उन विमानों में आर्म्‍स और एम्‍युनेशन नहीं थे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि यूपीए के जमाने में डील का केवल प्रस्‍ताव था, जो फाइनल नहीं हो सका था।

राफेल डील से जुड़ा मोदी सरकार का वर्जन

राफेल डील से जुड़ा मोदी सरकार का वर्जन

अब दूसरी डील की बात करते हैं। यह डील 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए हुई, जो फाइनल भी हुई और फ्रांस-भारत सरकारों ने इसे अमलीजामा पहना दिया। इस डील में हिंदुस्‍तान एरोनॉटिक्‍स की जगह अनिल अंबानी की कंपनी को कॉन्‍ट्रेक्‍ट मिला, जिस पर विवाद हो रहा है। कांग्रेस के दो प्रमुख आरोप हैं, पहला- मोदी सरकार ने यूपीए कार्यकाल में हुई डील की तुलना में राफेल की कीमत ज्‍यादा तय की गई। दूसरा आरोप अनिल अंबानी से जुड़ा है। मोदी सरकार का दावा है कि यूपीए के कार्यकाल में जो राफेल खरीद का प्रस्‍ताव था वह सिर्फ फ्लाई-वे कंडीशन में था और केवन 18 विमानों की खरीद का था, जबकि मोदी सरकार ने हथियारों से लैस विमान खरीदे हैं और 18 की जगह 36 खरीदे हैं। यूपीए के जमाने में 126 में से केवन 18 ही खरीदने का प्रस्‍ताव था बाकी तो भारत में ही बनने थे। मोदी सरकार का यह कहकर भी कांग्रेस पर पलटवार कर रही है कि अगर उसने इतनी ही अच्‍छी डील की थी तो विमान खरीदे क्‍यों नहीं गए।

Comments
English summary
Mood of the Nation poll: 35 per cent say Narendra Modi helped Reliance Defence get Rafale deal
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X