पीएम मोदी की सलाहकार ही बोली, '4 साल में काफी कुछ कर सकती थी सरकार'
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य और रिसर्चर शमिका रवि ने कहा है कि सरकार ने कई सुधार किए हैं लेकिन पिछले 4 सालों में बहुत कुछ किया जा सकता था। उन्होंने पीटीआई को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि मुझे लगता है कि भारत को बड़े आर्थिक सुधार की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी), दिवालियापन और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) पेश की है और चार साल में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश करने की व्यवस्था को काफी हद तक आसान बना दिया है।
उदारीकरण पर बहुत कुछ कर सकती थी मोदी सरकार: रवि
रवि ने कहा कि मुझे लगता है, विकास और आर्थिक सुधारों के लिए मोदी सरकार के पास एक जनादेश था। सरकार उदारीकरण पर बहुत कुछ कर सकती थी। रवि ने कहा आईटीडीसी होटल, एयर इंडिया के लिए शुरुआत में, वास्तव में हमारे पास पीएसयू की सूची थी कि हमें (हिस्सेदारी बिक्री के लिए) निश्चित रूप से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में पहले से ही बहुत सारी प्राइवेट एयरलाइन्स हैं। उन्होंने एयर इंडिया को पुनर्जीवित करने के लिए मोदी सरकार के इरादे पर सवाल उठाया।
ग्लोबल टैरिफ वार भारत के लिए शानदार अवसर
वहीं ग्लोबल ट्रैरिफ वार के सवाल के जवाब में रवि ने कहा कि भारत के लिए यह शानदार अवसर है। हमें समय-समय जरूरी कदम उठाना चाहिए और गैप को भरने की कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 9 मार्च को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्टील और एल्यूमीनियम वस्तुओं के आयात पर भारी टैरिफ लगाए जिसके बाद चीन और यूरोपीय संघ ने अमेरिकी उत्पादों के खिलाफ प्रतिशोध शुल्क लागू करके उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया।
बाकी देशों से टक्कर लेना है तो कर में करनी होगी कटौती
रवि ने कहा कि भारत को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करनी है तो उसे अपनी कॉर्पोरेट कर को बाकी देशों तरह बराबर कर देना चाहिए जैसे कि वियतनाम में है। उन्होंने कहा कि हर जगह वैश्वीकरण को धक्का लगा है। बाजार आज कहीं अधिक एकीकृत और अंत:स्थापित हो गए हैं। वियतनाम जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए निश्चित रूप से हमारे करों को कम करना होगा।
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