DMK के अध्यक्ष चुने गए एमके स्टालिन, तमिलनाडु की राजनीति में हुआ पीढ़ी परिवर्तन
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चेन्नई। तमिलनाडु के प्रमुख विपक्षी दल डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) की कमान औपचारिक तौर पर एमके स्टालिन के हाथ में आ गई। स्टालिन को पार्टी की जनरल बॉडी की मीटिंग में निर्विरोध रूप से नया अध्यक्ष चुन लिया गया और इसी के साथ ही तमिलनाडु की राजनीति में पीढ़ी परिवर्तन हो गया। अपनी अस्वस्थता के कारण साल 2017 में ही एम करुणानिधि ने स्टालिन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। वहीं, एम करुणानिधि के निधन के बाद स्टालिन का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा था।
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डीएमके का अध्यक्ष चुने जाने के बाद स्टालिन ने सीएन अन्नदुराई और एम करुणानिधि को श्रद्धांजलि अर्पित की। एमके स्टालिन के विश्वस्त माने जाने वाले एस दुरईमुरुगन को पार्टी का अगला कोषाध्यक्ष चुना गया है। इन दोनों पदों के लिए स्टालिन और मुरुगन के अलावा किसी अन्य नेता ने नामांकन दाखिल नहीं किया था। इसके पहले कोषाध्यक्ष का पद भी स्टालिन के पास ही था।
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि 49 सालों तक और डीएमके के प्रमुख रहे। हालांकि स्टालिन को उनके भाई अलागिरी से चुनौती मिलती दिखाई दे रही है जिन्होंने 5 सितंबर को एक रैली बुलाई है। माना जा रहा है कि इस रैली के दौरान अलागिरी अपने भविष्य को लेकर कोई ऐलान कर सकते हैं। बता दें कि आज ही डीएमके की बैठक में एक और प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें एम करुणानिधि को भारत रत्न दिए जाने की मांग की गई है।
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