MHA ने आर्टिकल 370 के खात्मे और कोरोना मैनेजमेंट को उपलब्धि माना, CAA का जिक्र भी नहीं
नई दिल्ली- मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा हुआ है। इसको लेकर केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय पिछले एक साल के दौरान की अपनी उपलब्धियां गिनाने में लगे हैं। पिछले एक साल में नरेंद्र मोदी की सरकार ने जिस गृह मंत्रालय की वजह से देश की सियासत बदलने में कामयाबी हासिल की है, जानकारी के मुताबिक उसने अपने एक अहम फैसले को उपलब्धि के रूप में नहीं गिनाया है। जबकि, शुरू में सामान्य कानून की तरह पास होने के बाद उस मुद्दे पर देश में सबसे बड़ा बवाल खड़ा हुआ था। गृहमंत्रालय ने अपनी उपलब्धियों में सबसे ज्यादा चर्चित नागरिकता संशोधन कानून को गिनाया ही नहीं है।
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इंडिया टुडे टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमित शाह की अगुवाई वाले गृहमंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर राज्य से स्पेशल दर्जा हटाने (आर्टिकल-370 और आर्टिकल 35ए) और देश में कोरोना वायरस वैश्विवक महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए उठाए गए कदमों को अपनी बड़ी कामयाबी के तौर पर पेश किया है, लेकिन उसमें सबसे चर्चित नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र भी नहीं किया है। बता दें कि पिछले साल दिसंबर के पहले हफ्ते में पास हुए इस कानून को लेकर कई दिनों की शांति के बाद अचानक विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिए गए थे। इसको लेकर कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए थे और बाद में जगह-जगह अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन भी शुरू हो गया था। आखिरकार इन हिंसक विरोध प्रदर्शनों के अंजाम के रूप में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भीषण दंगे शुरू हो गए, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। दिल्ली के शाहीन बाग में तो इस कानून के खिलाफ कोरोना वायरस के प्रकोप शुरू होने के बाद भी प्रदर्शन था, जिसे लॉकडाउन शुरू होने से कुछ दिन पहले पुलिस ने जबरन खाली कराया था।
बता दें कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे बड़ा फैसला जम्मू-कश्मीर से विवादास्पद आर्टिकल-370 को हटाने का लिया था। जिसके बाद प्रदेश को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो संघ शासित प्रदेशों में परिवर्ति कर दिया गया है। वहीं गृह मंत्रालय कोरोना से निपटने के लिए अब तक किए गए प्रयासों को भी अपनी कामयाबी मान रहा है। इनके अलावा चक्रवात वायु, महा, बुलबुल, और अम्फान से निपटने के लिए उठाए गए कदमों को भी अपनी सफलताओं में गिनाया है। यही नहीं, गृह मंत्रालय की उपलब्धियों की लिस्ट में करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत होने का भी जिक्र है।
कुल मिलाकर एमएचए की लिस्ट में जम्मू-कश्मीर को लेकर उलब्धियों पर ही ज्यादा फोकस किया गया है। इनमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर रहने वाले लोगों को नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 3 फीसदी आरक्षण का भी जिक्र है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के 5,300 परिवारों को विस्थापित लोगों की लिस्ट में रखने की भी बात है। यही नहीं, 2019 की अमरनाथ यात्रा को भी सफलताओं में गिनाया गया है, जिसमें यात्रियों की सुरक्षित यात्रा और दर्शन की बात कही गई है। हालांकि, यह यात्रा आर्टिकल-370 हटाने से ठीक पहले अचानक स्थगित कर दी गई थी।